द लोकतंत्र/ दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में अलर्ट मोड पर काम किया जा रहा है। सीमावर्ती गांवों में भी बंकरों की सफाई शुरू हो गई है। दरअसल, इस हमले ने न केवल सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को भी तैयारियों के मोड में ला दिया है। खासकर पाकिस्तान सीमा से सटे गांवों में लोग पुराने बंकरों की सफाई और मरम्मत में जुट गए हैं।
पुंछ जिले के ट्रेवां गांव के निवासी ने बताया कि बंकरों का इस्तेमाल पहले गोलीबारी के दौरान सुरक्षा के लिए किया जाता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से सीमा पर शांति बनी रहने के कारण इन बंकरों की देखरेख बंद हो गई थी। अब पहलगाम की घटना के बाद लोगों ने एक बार फिर इन्हें दुरुस्त करना शुरू कर दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मौजूदा हालात अनिश्चित हैं और कभी भी कुछ भी हो सकता है, इसलिए अब व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों तरह के बंकर तैयार किए जा रहे हैं। सिंगल बंकर को तो जल्दी तैयार किया जा सकता है, लेकिन कम्युनिटी बंकर को ठीक करने में वक्त और संसाधन लगते हैं।
पहलगाम हमले को लेकर सीमावर्ती नागरिकों में गहरी नाराज़गी
गांववालों ने इस हमले को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर भारत इस हमले का जवाब नहीं देता, तो यह बेहद शर्मनाक होगा। सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों का मानना है कि किसी भी संघर्ष की पहली मार उन पर पड़ती है, इसलिए वे पूरी तरह तैयार रहना चाहते हैं।
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एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, हम सरकार के हाथ नहीं बांधना चाहते। हमें अपनी सेना और सरकार पर पूरा भरोसा है। हम मनोबल तोड़ने वाले किसी भी विचार के खिलाफ हैं। यह समय आर-पार की लड़ाई का है, क्योंकि आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों पर हमला कर बहुत ही अमानवीय काम किया है। इस बीच, सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई तेज कर दी है। आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है। शोपियां में लश्कर-ए-तैयबा के सक्रिय आतंकी शाहिद अहमद के घर को ध्वस्त कर दिया गया है। यह आतंकी 2023 से सक्रिय था और लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था।