द लोकतंत्र: छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी भिलाई स्थित उनके घर पर छापेमारी के बाद की गई, जो शराब घोटाले और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के तहत की गई थी।
छापेमारी और गिरफ्तारी की कार्यवाही
बुधवार सुबह ED की एक टीम भिलाई में चैतन्य बघेल के घर पहुंची और लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी की गाड़ी को रोकने की कोशिश की और धरना-प्रदर्शन किया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी की गाड़ियों पर पथराव भी हुआ, जिसके चलते पुलिस बल को मौके पर बुलाना पड़ा।
ईडी पहले भी चैतन्य बघेल से पूछताछ कर चुकी है और अब मनी ट्रेल से जुड़े नए सबूत मिलने के बाद यह गिरफ्तारी की गई है। चैतन्य बघेल का सार्वजनिक जीवन में कोई राजनीतिक पद नहीं है, लेकिन वे कई व्यवसायों में सक्रिय हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाले का कनेक्शन
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में है। आरोप है कि शराब ठेकों में करोड़ों रुपए की हेराफेरी हुई, जिसमें उच्च स्तर पर मिलीभगत थी। इस मामले की जांच में ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां सक्रिय हैं।
ईडी के मुताबिक, चैतन्य बघेल से जुड़े कई संदिग्ध लेनदेन और कंपनियों की मनी ट्रांसफर गतिविधियां इस घोटाले से जुड़ी हुई हैं।
भूपेश बघेल का बयान और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और लिखा, “आज मेरे बेटे का जन्मदिन है, केंद्र सरकार ने तोहफा भेजा है।”
वहींं, कांग्रेस पार्टी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया है और आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर ईडी का दुरुपयोग हो रहा है।
मानसून सत्र और सियासी माहौल
यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। भूपेश बघेल सत्र में भाग लेने के लिए घर से निकल चुके थे, और उसी दौरान ईडी की कार्रवाई शुरू हुई। यह मामला अब सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि राजनीतिक तौर पर भी भारी विवाद का कारण बन गया है।