द लोकतंत्र: रक्षाबंधन भारत के सबसे पवित्र और भावनात्मक त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। राखी बांधने से पहले पूजा की थाली सजाई जाती है, जिसमें कुछ विशेष चीजों का होना अनिवार्य माना गया है। आइए जानते हैं राखी की पूजा थाली में किन-किन वस्तुओं का होना जरूरी है।
राखी (रक्षा सूत्र):
थाली में सबसे पहले रक्षा सूत्र यानी राखी रखें। यही इस त्योहार का मुख्य केंद्र है। राखी को सजाकर थाली में रखें और पूजा से पहले इसे पवित्र मानकर स्पर्श करें।
दीया (दीपक):
पूजा थाली में एक छोटा सा तेल या घी का दीपक रखें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती इसी दीये से की जाती है। आरती करने से पहले दीप जलाकर उसमें एक कपूर भी रखें।
रोली या कुमकुम:
भाई के माथे पर तिलक लगाने के लिए थाली में रोली या कुमकुम जरूर रखें। यह परंपरा शुभ मानी जाती है और रक्षा का प्रतीक भी।
अक्षत (चावल):
तिलक के बाद भाई के माथे पर अक्षत (साबुत चावल) लगाएं। इसे हिंदू धर्म में पवित्रता और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
नारियल और फूल:
पूजा की थाली में नारियल और ताजे फूल रखना भी आवश्यक है। नारियल को शुभता का प्रतीक माना जाता है, वहीं फूल प्रेम और समर्पण दिखाते हैं।
मिठाई (लड्डू या पसंदीदा मिठाई):
राखी बांधने के बाद भाई का मुंह मीठा कराना एक परंपरा है। थाली में लड्डू या भाई की पसंदीदा मिठाई जरूर रखें।
लुंबा राखी (भाभी के लिए):
अगर भाई विवाहित है, तो भाभी के लिए लुंबा राखी जरूर रखें। यह राखी भाभी को बांधी जाती है और ननद-भाभी के स्नेह का प्रतीक होती है।
राखी की पूजा थाली सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि बहन की स्नेह और शुभकामनाओं की प्रतीक होती है। अगर थाली में ये सभी चीजें सही तरीके से सजाई जाएं, तो यह न केवल पूजा को पूर्ण बनाता है, बल्कि भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करता है।