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Teej Festival in India: हरियाली, हरतालिका और कजरी तीज में क्या है खास? जानें महत्व और तिथियां

the loktantra

द लोकतंत्र: भारतीय संस्कृति में तीज त्योहार का विशेष महत्व है। महिलाएं इन पर्वों को सौभाग्य, पति की लंबी आयु और पारिवारिक सुख-समृद्धि के लिए मनाती हैं। तीज के कई रूप हैं, जिनमें मुख्य रूप से हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज शामिल हैं। अक्सर लोग इन तीनों को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन वास्तव में इनके नाम, मान्यता और तिथि तीनों अलग-अलग हैं। आइए जानते हैं इन तीनों तीज का महत्व और अंतर।

हरियाली तीज
हरियाली तीज को सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। यह त्योहार प्रकृति, हरियाली और सुहागिन महिलाओं को समर्पित होता है। इस दिन महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं।
इसे सावन तीज भी कहा जाता है। साल 2025 में हरियाली तीज 27 जुलाई, सोमवार को मनाई गई।

हरतालिका तीज
भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती ने कठिन तपस्या करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इस व्रत को विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाएं करती हैं। महिलाएं पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और 24 घंटे बाद ही अन्न ग्रहण करती हैं। साल 2025 में हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त, मंगलवार को रखा जाएगा।

कजरी (कजली) तीज
कजरी तीज को कजली तीज भी कहा जाता है। यह भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इसे खासकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में धूमधाम से मनाया जाता है।
इस तीज में महिलाएं कजरी गीत गाती हैं और व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
साल 2025 में कजरी तीज का पर्व 12 अगस्त, मंगलवार को मनाया गया।

तीनों तीज का मुख्य अंतर

हरियाली तीज – सावन महीने की शुरुआत में आता है और प्रकृति व हरियाली से जुड़ा है।
हरतालिका तीज – भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है, शिव-पार्वती की कथा से संबंधित।
कजरी तीज – भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है और कजरी गीतों के लिए प्रसिद्ध है।

हरियाली, हरतालिका और कजरी तीज भले ही अलग-अलग तिथियों और मान्यताओं से जुड़े हों, लेकिन इनका उद्देश्य महिलाओं के सौभाग्य, प्रेम और परिवार की समृद्धि से जुड़ा है। यही कारण है कि भारत के विभिन्न हिस्सों में इन्हें बेहद श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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