द लोकतंत्र : उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर भारतीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। नामांकन से पहले राधाकृष्णन दिल्ली पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, भूपेंद्र यादव और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें रिसीव किया।
इसके बाद सीपी राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके लंबे सार्वजनिक जीवन की सराहना की। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सीपी राधाकृष्णन जी से मुलाकात की। एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने पर उन्हें शुभकामनाएं। उनकी लंबी जनसेवा और विभिन्न क्षेत्रों का अनुभव राष्ट्र को समृद्ध करेगा। वे सदैव समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ देश की सेवा करते रहें।”
राधाकृष्णन का अनुभव और राजनीतिक सफर
तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले सीपी राधाकृष्णन लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े रहे हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। खासकर तमिलनाडु में गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण पर उनका फोकस रहा है। यही वजह है कि वे बीजेपी के एक विनम्र, सादगीपूर्ण और जमीनी नेता के रूप में पहचाने जाते हैं।
एनडीए उम्मीदवार घोषित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राधाकृष्णन का समर्पण, विनम्रता और बुद्धिमत्ता उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है। उन्होंने आगे कहा कि “तमिलनाडु में उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच व्यापक कार्य किया है और मुझे खुशी है कि एनडीए परिवार ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया।”
सर्वसम्मति की कोशिश
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी चाहती है कि इस बार उपराष्ट्रपति का चुनाव सर्वसम्मति से हो। इसके लिए विपक्षी दलों से बातचीत की जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करेगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव पर नजर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राधाकृष्णन का नाम बीजेपी और एनडीए के लिए दक्षिण भारत में एक बड़ा राजनीतिक संदेश है। यह फैसला न केवल तमिलनाडु में संगठन को मजबूती देगा, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी दक्षिण भारत की भागीदारी को रेखांकित करेगा।