द लोकतंत्र/ छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार बुधवार को हो गया। राजधानी रायपुर स्थित राजभवन में राज्यपाल रमेन डेका ने तीन विधायकों राजेश अग्रवाल, गुरु खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा सहित मंत्रिमंडल के सदस्य व विधायक मौजूद रहे।
मंत्रियों की संख्या बढ़कर हुई 14
नए मंत्रियों के विभाग भी तय कर दिए गए हैं। गजेंद्र यादव को स्कूल शिक्षा, ग्राम उद्योग तथा विधि एवं विधायी कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गुरु खुशवंत साहेब को कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार और अनुसूचित जाति विकास विभाग मिला है। वहीं राजेश अग्रवाल को पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग सौंपा गया है। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री अरुण साव को अपने विभागों के अलावा खेल एवं युवा कल्याण विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है, जबकि राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा से यह विभाग लेकर उन्हें उच्च शिक्षा का प्रभार सौंपा गया है। मंत्री लखन लाल देवांगन को आबकारी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
मुख्यमंत्री साय ने मंत्रिमंडल विस्तार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज शपथ लेने वाले मेरे कैबिनेट के नए सदस्य गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल को बधाई और शुभकामनाएं। मुझे विश्वास है कि सभी मंत्रीगण पूरी निष्ठा और लगन से जनता की सेवा कर विकास और सुशासन का सुनहरा अध्याय रचेंगे।”
इस विस्तार के साथ छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में कुल सदस्यों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। राज्य गठन के बाद से अब तक अधिकतम 13 मंत्री ही रहे थे, लेकिन संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार 90 सदस्यीय विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 14 मंत्री हो सकते हैं। जानकारों के मुताबिक, राज्य ने ‘हरियाणा मॉडल’ अपनाया है, जहां समान संख्या वाली विधानसभा में भी 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल है।
कौन हैं नवनियुक्त मंत्रीगण
नवनियुक्त तीनों मंत्री पहली बार विधायक बने हैं। राजेश अग्रवाल ने 2023 विधानसभा चुनाव में अंबिकापुर सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव को मात्र 94 वोटों से हराकर राजनीतिक इतिहास रचा था। माना जा रहा है कि इस जीत ने ही उनके लिए मंत्रिमंडल का मार्ग प्रशस्त किया। अग्रवाल पूर्व में कांग्रेस से जुड़े रहे, लेकिन 2018 में बीजेपी में शामिल हुए और अब पहली बार में ही मंत्री बनने का मौका मिला है।
गुरु खुशवंत साहेब ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित आरंग सीट से कांग्रेस नेता और मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया को 16,538 मतों से पराजित किया था। सतनामी समाज से आने वाले खुशवंत गुरु घासीदास के वंशज हैं और वर्तमान में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी हैं। उनके मंत्री बनने से राज्य मंत्रिमंडल में सतनामी समाज से प्रतिनिधित्व बढ़ा है।
गजेंद्र यादव ने दुर्ग शहर सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण वोरा को 48,697 मतों के अंतर से हराया था। यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं और लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। उनके पिता बिसरा राम यादव संघ के प्रांत संघचालक रह चुके हैं। गजेंद्र यादव पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और अब मंत्री के रूप में साय मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं।
मंत्रिमंडल के वर्तमान स्वरूप में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन साधने की कोशिश
साय मंत्रिमंडल के वर्तमान स्वरूप में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन साधने की कोशिश साफ दिखाई देती है। 14 सदस्यीय कैबिनेट में सात मंत्री ओबीसी, तीन एसटी, दो एससी और दो सामान्य वर्ग से हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री हैं। क्षेत्रीय संतुलन की दृष्टि से देखें तो सरगुजा संभाग से पांच, बिलासपुर से तीन, दुर्ग से तीन, रायपुर से दो और बस्तर से एक मंत्री को जगह मिली है।
गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2023 को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद सरकार बनाई थी। उसी दिन विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अरुण साव व विजय शर्मा उप मुख्यमंत्री बने थे। बाद में नौ अन्य विधायकों को मंत्री बनाया गया था। लोकसभा चुनाव से पहले रायपुर दक्षिण से विधायक और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल की संख्या घटकर 11 हो गई थी। अब तीन नए चेहरों के जुड़ने के साथ साय सरकार ने संवैधानिक सीमा तक मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया है।