द लोकतंत्र: रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। शनिवार सुबह से ही उनके अलग-अलग ठिकानों पर CBI की टीम ने छापेमारी (Raid) शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई एक बैंक फ्रॉड केस से जुड़ी है।
2000 करोड़ रुपये का फ्रॉड मामला
जानकारी के अनुसार, अनिल अंबानी समूह पर एसबीआई (SBI) से 2000 करोड़ रुपये के फ्रॉड का मामला दर्ज है। 13 जून 2025 को एसबीआई ने इस खाते को फर्जी घोषित किया था और 24 जून को इस मामले की जानकारी आरबीआई (RBI) को भी दे दी गई थी। इसी मामले की जांच को लेकर शनिवार सुबह लगभग 7 बजे से सीबीआई की टीम ने दिल्ली और मुंबई समेत 6 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की।
पहले ईडी ने की थी पूछताछ
सीबीआई की रेड से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी अनिल अंबानी से पूछताछ कर चुका है। हाल ही में ईडी ने अनिल अंबानी को नई दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में तलब किया था, जहां उनसे 17,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले को लेकर कई घंटे सवाल-जवाब किए गए।
पूछताछ के दौरान ईडी ने अनिल अंबानी से पूछा था:
क्या लोन की रकम शेल कंपनियों में ट्रांसफर की गई?
क्या यह पैसा राजनीतिक दलों को गया?
क्या किसी अधिकारी को रिश्वत दी गई?
ईडी ने अनिल अंबानी को एक सप्ताह बाद फिर से पेश होने का नोटिस दिया था।
ईडी की बड़ी छापेमारी
पिछले महीने भी ईडी ने दिल्ली और मुंबई में 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी थी। ईडी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि “बैंकों, निवेशकों और अन्य संस्थानों को गुमराह कर जनता के पैसे की हेराफेरी की गई।”
इस दौरान लगभग 50 कंपनियों की जांच की गई और करीब 25 लोगों से पूछताछ की गई थी।
यस बैंक लोन कनेक्शन
जांच एजेंसियों के अनुसार, साल 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने अनिल अंबानी समूह की कंपनियों (RAAGA कंपनियां) को लगभग 3000 करोड़ रुपये का लोन दिया था। ईडी ने दावा किया कि इस दौरान एक अवैध लेन-देन व्यवस्था बनाई गई थी। इसमें यस बैंक के प्रमोटरों ने कथित तौर पर लोन मंजूरी से पहले निजी कंपनियों से पेमेंट लिया था।
जांच जारी
फिलहाल सीबीआई की टीम इस मामले से जुड़े दस्तावेज, लेन-देन की जानकारी और डिजिटल रिकॉर्ड खंगाल रही है। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही इस घोटाले में अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों की भूमिका स्पष्ट होगी।