द लोकतंत्र: बिहार की राजनीति में यात्राओं (Political Yatras) का हमेशा से बड़ा महत्व रहा है। चुनावी रणनीति के तौर पर यह न केवल जनता से जुड़ने का जरिया बनती हैं, बल्कि वोट बैंक बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम भी साबित होती हैं। आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को देखते हुए सभी बड़ी पार्टियों ने यात्राओं के जरिए अपने जनाधार को मजबूत करने का अभियान तेज कर दिया है।
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इन दिनों बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी का दावा है कि कांग्रेस को 6 राज्यों में 30% से अधिक वोट मिले। इसी तर्ज पर अब बिहार में यह यात्रा चलाई जा रही है, जो फिलहाल सीमांचल क्षेत्र में पहुंच चुकी है। इस यात्रा में उनके साथ बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी नजर आ रहे हैं।
तेजस्वी यादव का संदेश रथ
दूसरी ओर, पटना में तेजस्वी संदेश रथ का शुभारंभ किया गया। राबड़ी आवास, 10 सर्कुलर रोड से लालू प्रसाद यादव ने इस रथ को हरी झंडी दिखाई। राजद का दावा है कि यह रथ गांव–गांव जाकर लोगों को बताएगा कि महागठबंधन सरकार में 17 महीनों में कौन–कौन से फैसले और विकास कार्य किए गए। साथ ही जनता से अपील की जाएगी कि महागठबंधन को फिर से सत्ता में लाया जाए।
राजद प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल का कहना है कि तेजस्वी यादव की घोषणाओं को नीतीश कुमार ने भी जल्दबाजी में लागू किया। अब “तेजस्वी संदेश रथ” जनता तक उनका विजन पहुंचाएगा।
नीतीश कुमार का निश्चय रथ और मास्टर प्लान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी चुनावी तैयारियों में पूरी ताकत झोंक दी है। उनका नया “निश्चय रथ” हरियाणा से बनकर आया है, जिससे वे चुनाव प्रचार करेंगे। इसके साथ ही जदयू ने 100 टीमें मैदान में उतारी हैं। इनमें से 21 टीमें युवाओं से संवाद करेंगी, 40 टीमें महिलाओं से जुड़ेंगी, जबकि अति पिछड़ा वर्ग और अन्य समुदायों से फीडबैक लेने के लिए अलग-अलग ग्रुप बनाए गए हैं।
बिहार की राजनीति में यात्राओं का महत्व
साल 2005 से सरकार बनाने के बाद से नीतीश कुमार ने कई यात्राएं की हैं। इन यात्राओं में प्रशासनिक समीक्षा, विकास योजनाओं का आकलन और जनता से संवाद होता रहा है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्राएं भी इसी परंपरा को आगे बढ़ाती नजर आ रही हैं।
फिलहाल, कांग्रेस, राजद और जदयू तीनों दल अपनी–अपनी रणनीति के साथ मैदान में हैं। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा, तेजस्वी का संदेश रथ और नीतीश का निश्चय रथ यह तीनों यात्राएं बिहार के चुनावी माहौल को और रोचक बना रही हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि 2025 के विधानसभा चुनाव में किस यात्रा का जनता पर कितना असर पड़ता है।