द लोकतंत्र: भारतीय रसोई में देसी घी और मक्खन दोनों का खास महत्व है। कभी रोटी पर लगाकर, तो कभी दाल में डालकर इनका स्वाद हर घर में लिया जाता है। लेकिन सेहत की दृष्टि से जब बात आती है, तो अक्सर लोगों के बीच बहस होती है कि आखिरकार घी ज्यादा अच्छा है या मक्खन? आइए जानते हैं दोनों के न्यूट्रिशन और फायदे।
घी के पोषक तत्व और फायदे
देसी घी को पारंपरिक रूप से सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इसमें फैट्स के अलावा विटामिन A, D, E और K पाया जाता है। विटामिन A आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है, वहीं विटामिन D हड्डियों को मजबूत बनाता है। घी में मौजूद ब्यूटिरिक एसिड पाचन को दुरुस्त करता है और इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है।
हेल्थलाइन के अनुसार, घी में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड्स शरीर में इंफ्लामेशन को कम करते हैं और हार्ट हेल्थ को बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है।
मक्खन के पोषक तत्व और फायदे
मक्खन भी भारतीय आहार का अहम हिस्सा है। इसमें फैट्स और कैलोरी के अलावा प्रोटीन, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट्स पाए जाते हैं। मक्खन विटामिन A, D, E और B12 का अच्छा स्रोत है।
मक्खन में मौजूद सैचुरेटेड फैट शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही यह ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में सहायक है।
न्यूट्रिशन वैल्यू (प्रति 1 टेबलस्पून)
पोषक तत्व | घी | मक्खन |
---|---|---|
कैलोरी | 123 | 100 |
फैट | 14 ग्राम | 11 ग्राम |
सैचुरेटेड फैट | 9 ग्राम | 7 ग्राम |
मोनोअनसैचुरेटेड फैट | 4 ग्राम | 3 ग्राम |
पॉलीअनसैचुरेटेड फैट | 0.5 ग्राम | 0.5 ग्राम |
किसमें है ज्यादा फैट?
तुलना करें तो घी में मक्खन के मुकाबले ज्यादा फैट और कैलोरी होती है। हालांकि, इसके बावजूद घी को हेल्थ के लिहाज से ज्यादा लाभकारी माना जाता है क्योंकि इसमें ओमेगा-3 और ब्यूटिरिक एसिड जैसे तत्व मौजूद रहते हैं।
मक्खन के भी अपने फायदे हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो जल्दी ऊर्जा पाना चाहते हैं। वहीं, घी लंबी अवधि तक शरीर को एनर्जी देता है और पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है।
अगर आपको पाचन और हार्ट हेल्थ की चिंता है तो घी आपके लिए बेहतर विकल्प है। वहीं, अगर आप स्वाद और प्रोटीन की ओर झुकाव रखते हैं तो मक्खन भी सीमित मात्रा में फायदेमंद हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे, दोनों में फैट्स और कैलोरी अधिक होते हैं, इसलिए इनका सेवन संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए।