द लोकतंत्र : त्योहारों के मौसम में अक्सर जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगती हैं। कालाबाजारी करने वालों के लिए त्योहारी सीजन काफी मुफीद राहत है। दाल, चावल, चीनी और खाद्य तेलों की आसमान छूती कीमतों की वजह से आम आदमी का त्योहार फीका पड़ जाता है। लेकिन इसबार सरकार ने कालाबाजारी करने वालों पर नकेल कसने की तैयारी की है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के खाद्य भंडार भरे हुए हैं और त्योहारी मौसम में महंगाई की मार जनता पर नहीं पड़ेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है।
महंगाई नही सताएगी, कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठाएगी
सरकार ने कहा है कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाने पीने वाली वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है और आने वाले त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेगी। उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत पड़ती है, कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठाती है।
गेहूं के बारे में खाद्य सचिव ने कहा कि देश में इसका पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें वर्तमान में औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है।उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों को काबू में रखने के लिये व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं पर भंडार सीमा को और कम कर दिया है। चोपड़ा ने आगे कहा कि 31 अगस्त की स्थिति के अनुसार, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि मौजूदा जरूरत 202 लाख टन की है।
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वहीं, चीनी की बढ़ती कीमतों के बारे में उन्होंने कहा कि अगस्त में कम मानसूनी बारिश के कारण कमी की आशंका को लेकर अफवाह के कारण हाल में कुछ जगह कीमतों में तेजी आई है। हालांकि देश में 85 लाख टन का पर्याप्त चीनी भंडार है जो साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर चीनी की उपलब्धता अच्छी है। सरकार इस साल गन्ना उत्पादन में गिरावट को लेकर उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इसमा) की आशंका से सहमत नहीं है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि अफवाह के चलते ही चावल के दाम भी 10% तक बढ़े हैं। लेकिन फसल सीजन 2023- 24 में धान की बंपर पैदावार होगी। ऐसे में मार्केट में नए चावल आने से कीमतों में गिरावट आएगी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि गेहूं पर स्टॉक लिमिट कम की गई है।