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मायावती ने किया बड़ा ऐलान, माफी मांगने के बाद पूर्व सांसद अशोक सिद्धार्थ की BSP में वापसी

Mayawati made a big announcement, former MP Ashok Siddharth returns to BSP after apologizing

द लोकतंत्र/ लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार (6 सितंबर, 2025) को एक बड़ा राजनीतिक फैसला लिया। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर और पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ को बसपा में वापस लेने की घोषणा की। मायावती ने यह कदम अशोक सिद्धार्थ द्वारा सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी मांगने और पार्टी व आंदोलन के प्रति अपनी निष्ठा जताने के बाद उठाया।

सोशल मीडिया पर मांगी थी माफी

अशोक सिद्धार्थ ने शनिवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लंबा पोस्ट लिखते हुए मायावती और पार्टी कार्यकर्ताओं से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि वे अपनी गलतियों पर पछता रहे हैं और आगे कभी भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने वादा किया कि अब वे पूरी तरह अनुशासन में रहकर मायावती के नेतृत्व में काम करेंगे और बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आंदोलन को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।

मायावती का आधिकारिक ऐलान

मायावती ने अशोक सिद्धार्थ की माफी स्वीकार करते हुए एक्स पर लिखा, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के कई जिम्मेदार पदों पर लम्बे वर्षों तक कार्यरत रहे एवं पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ, जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कुछ माह पहले निष्कासित किया गया था, उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी गलती स्वीकार की है और माफी मांगी है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया है कि आगे वे पार्टी और मूवमेंट के प्रति पूरी तरह से वफादार रहेंगे और बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के मूवमेंट को आगे बढ़ाने में पूरी ताकत झोंक देंगे।

बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा कि अशोक सिद्धार्थ को अपनी गलती का एहसास पहले ही हो गया था और वे लगातार विभिन्न स्तरों पर इसका पछतावा व्यक्त कर रहे थे। लेकिन आज जब उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांगी, तो पार्टी ने आंदोलन और संगठन के हित में उन्हें एक और मौका देने का निर्णय लिया। इसीलिए उनके निष्कासन को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया और उन्हें पार्टी में पुनः शामिल कर लिया गया।

मायावती ने अपनी पोस्ट में यह उम्मीद भी जताई कि अशोक सिद्धार्थ अब पार्टी के अन्य छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं की तरह पूरे तन-मन-धन से पार्टी और आंदोलन को मजबूत करने में जुट जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीएसपी का लक्ष्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाना है ताकि बहुजन समाज को शोषित वर्ग से ऊपर उठाकर समाज और राजनीति में शासक वर्ग के रूप में स्थापित किया जा सके।

क्यों हुए थे निष्कासित?

गौरतलब है कि अशोक सिद्धार्थ को 12 फरवरी 2025 को पार्टी विरोधी गतिविधियों और गुटबाजी के आरोप में बसपा से निष्कासित कर दिया गया था। उस समय पार्टी ने स्पष्ट किया था कि संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल होने वाले किसी भी नेता या कार्यकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा। निष्कासन के बाद से ही सिद्धार्थ ने कई बार अलग-अलग मंचों पर अपना पछतावा जताया था, लेकिन अब जाकर उन्होंने सार्वजनिक माफी मांगते हुए पार्टी नेतृत्व से क्षमा याचना की।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती का यह फैसला उनकी “सख्त लेकिन रणनीतिक” छवि को दर्शाता है। वह पार्टी अनुशासन को लेकर हमेशा कड़े फैसले लेने के लिए जानी जाती हैं। लेकिन साथ ही वह उन नेताओं को दोबारा मौका भी देती हैं, जो अपनी गलती सुधारने की इच्छा जताते हैं और संगठन के प्रति वफादारी का भरोसा दिलाते हैं।
अशोक सिद्धार्थ की पार्टी में वापसी को बीएसपी के लिए संगठनात्मक मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब उत्तर प्रदेश की राजनीति में जातीय समीकरण और आंतरिक एकजुटता का बड़ा महत्व है।

बीएसपी का यह कदम आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पार्टी चाहती है कि किसी भी प्रकार की गुटबाजी या असंतोष की स्थिति को खत्म किया जाए और संगठन को मजबूत किया जाए। अशोक सिद्धार्थ का पार्टी में लौटना बहुजन समाज के वोटरों को यह संदेश देने का प्रयास है कि बीएसपी एकजुट है और नेतृत्व के निर्णयों का सभी सम्मान करते हैं।

Team The Loktantra

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