द लोकतंत्र/ रायपुर : छत्तीसगढ़ अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने की दिशा में बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत राज्य सरकार उपभोक्ताओं को न केवल ऊर्जा उत्पादक बल्कि ऊर्जा दाता भी बनाने की दिशा में काम कर रही है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 9 सितंबर को रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि आने वाले समय में उपभोक्ता मुफ्त बिजली का लाभ उठा पाएंगे।
सीएम ने दिखाई ‘सूर्य रथ’ को हरी झंडी
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ‘सूर्य रथ’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ आम लोगों को सौर ऊर्जा के फायदे और सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूक करने का कार्य करेगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने 618 उपभोक्ताओं को बड़ी सौगात दी। उन्होंने प्रत्येक उपभोक्ता के खाते में ₹30,000 की दर से कुल 1.85 करोड़ रुपये की राज्यांश सब्सिडी का ऑनलाइन अंतरण किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन और लगातार बढ़ता प्रदूषण गंभीर चुनौती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा गया है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब ‘हाफ बिजली बिल’ से आगे बढ़ते हुए ‘मुफ्त बिजली’ उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उपभोक्ता बनेंगे ऊर्जा दाता
विष्णु देव साय ने कहा कि आज उपभोक्ता केवल बिजली लेने वाले नहीं रह गए हैं, बल्कि वे बिजली का उत्पादन करके उसे ग्रिड को बेच भी रहे हैं। प्रधानमंत्री कुसुम योजना और सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी पहल से उपभोक्ता अपनी छतों पर सौर पैनल लगाकर खुद बिजली बना रहे हैं और उसका विक्रय कर आर्थिक लाभ ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेशवासी इस योजना के महत्व को समझें और अधिक से अधिक लोग सौर ऊर्जा अपनाएं। यह केवल व्यक्तिगत लाभ का नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ पर्यावरण का भी प्रश्न है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने आसपास के नागरिकों को भी इस योजना से जोड़कर हरित ऊर्जा की ओर आगे बढ़ने में सहयोग करें।
केंद्र और राज्य सरकार दे रही सब्सिडी और आसान वित्तीय सुविधा
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उपभोक्ताओं को भारी सब्सिडी दे रही हैं। बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से आसान वित्तीय सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि हर वर्ग का उपभोक्ता सौर ऊर्जा अपना सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादन क्षमता केवल 1,400 मेगावाट थी, लेकिन आज यह बढ़कर 30,000 मेगावाट हो गई है। राज्य अब पड़ोसी राज्यों को भी बिजली उपलब्ध करा रहा है। ऊर्जा क्षेत्र में नई उद्योग नीति के तहत 3.50 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए हैं, जिससे आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन क्षमता और बढ़ेगी।
सीएम साय ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सौभाग्य योजना’ के जरिए हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था, जिसके अंतर्गत देश के 18 हजार गांवों तक बिजली पहुंचाई गई। अब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश स्वच्छ और हरित ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ रहा है और छत्तीसगढ़ इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम में हुआ विमोचन और सम्मान
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘इम्पैक्ट ऑफ डिस्ट्रीब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी ऑन ग्रिड स्टेबिलिटी’ और ‘एग्रीवोल्टाइक्स परफॉर्मर हैंडबुक’ का विमोचन भी किया। साथ ही पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वेंडरों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान राजनांदगांव से आए कक्षा 12वीं के छात्र प्रथम सोनी ने सौर ऊर्जा की उपयोगिता और शासन के प्रयासों पर अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री ने उनकी पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह दिखाता है कि युवा पीढ़ी भी हरित ऊर्जा के महत्व को समझ रही है।