द लोकतंत्र: डिजिटल युग में सेलिब्रिटी छवि और उनके व्यक्तित्व अधिकारों के दुरुपयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन के पक्ष में आदेश देते हुए उनके नाम, तस्वीर, आवाज़ और समानता (likeness) के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
यह आदेश 11 सितंबर 2025 को न्यायमूर्ति तेजस कारिया ने पारित किया। कोर्ट ने माना कि किसी भी व्यक्ति की व्यक्तिगत विशेषताओं का अनधिकृत इस्तेमाल “जीवन के सम्मान के साथ जीने” के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
फैसले में कहा गया कि ऐश्वर्या भारतीय मनोरंजन उद्योग की सबसे प्रसिद्ध शख्सियतों में से हैं। ब्रांड एंबेसडर और सार्वजनिक हस्ती के रूप में उनकी छवि ने उन्हें विशेष प्रतिष्ठा दिलाई है, और जनता उनके समर्थन वाले ब्रांड्स पर भरोसा करती है। ऐसे में, उनकी छवि या नाम का बिना अनुमति इस्तेमाल न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाता है बल्कि उनकी गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है।
हाईकोर्ट ने कई वेबसाइट्स और प्लेटफॉर्म्स को आदेश दिया कि वे ऐश्वर्या की तस्वीरों, नाम, वीडियो और AI-जनरेटेड कंटेंट का अवैध उपयोग बंद करें। यह आदेश खास तौर पर डीपफेक और अन्य डिजिटल मैनिपुलेशन तकनीकों के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिया गया है।
याचिका में ऐश्वर्या राय बच्चन की ओर से वरिष्ठ वकील संदीप सेठी ने दलील दी थी कि कुछ वेबसाइट उनकी छवि और वीडियो का व्यावसायिक लाभ के लिए उपयोग कर रही हैं, जबकि कुछ ने उनके नाम को अश्लील सामग्री से जोड़ा है। अदालत ने इस तरह की सभी गतिविधियों पर रोक लगाने का स्पष्ट निर्देश दिया।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला भारत में सेलिब्रिटी पब्लिसिटी राइट्स (Publicity Rights) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल हस्तियों की प्रतिष्ठा की सुरक्षा होगी, बल्कि यह डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को भी जिम्मेदारी लेने का संदेश देगा।
यह आदेश ऐसे समय आया है जब सोशल मीडिया और AI-आधारित तकनीकों ने “फेक कंटेंट” और अनधिकृत मर्चेंडाइजिंग को बढ़ावा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से अन्य कलाकारों और सार्वजनिक हस्तियों को भी अपनी छवि की रक्षा के लिए न्यायालय की शरण लेने का प्रोत्साहन मिलेगा।
यह फैसला न केवल ऐश्वर्या राय बच्चन के सम्मान की रक्षा करता है, बल्कि यह स्पष्ट संदेश देता है कि भारतीय कानून व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा को गंभीरता से लेता है। डिजिटल युग में, जब छवि और ब्रांड वैल्यू आसानी से कॉपी या मैनिपुलेट की जा सकती है, यह आदेश सेलिब्रिटी अधिकारों को मजबूत कानूनी आधार प्रदान करता है।