द लोकतंत्र: बिहार (Bihar) में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। सभी दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं, वहीं अब धार्मिक जगत से एक बड़ा बयान सामने आया है। ज्योतिष पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पटना में घोषणा की कि वे बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे।
शनिवार को पटना के महावीर मंदिर में पद्मश्री आचार्य किशोर कुणाल की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे शंकराचार्य ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के नामांकन के बाद यह स्पष्ट किया जाएगा कि किस क्षेत्र में उनकी ओर से कौन चुनाव लड़ेगा।
सीतामढ़ी से गौ रक्षा संकल्प यात्रा का शुभारंभ
घोषणा से पहले शंकराचार्य ने सीतामढ़ी ज़िले से “गौ रक्षा संकल्प यात्रा” की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि यह कदम राजनीति में प्रवेश का नहीं, बल्कि गौरक्षा के संदेश को मजबूत करने का प्रयास है। उनका कहना था कि वे उन निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे, जो गायों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
गोरक्षा पर सख्त रुख
शंकराचार्य ने कहा कि राज्य में ऐसे उम्मीदवार खोजे जाएंगे जो गौ हत्या को पाप मानते हों और इस दिशा में ठोस काम करने का संकल्प लें। उन्होंने दावा किया कि किसी भी दल ने अब तक गोरक्षा के मुद्दे पर स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद समर्थित उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक की जाएगी।
उन्होंने मतदाताओं से भी अपील की कि वे ऐसे प्रत्याशियों को वोट दें, जो हिंदू समाज की भावनाओं के अनुरूप गौ माता की रक्षा के लिए ईमानदारी से काम करें।
केंद्र सरकार पर भी उठाए सवाल
शंकराचार्य ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि गोरक्षा के नाम पर वादे किए गए, लेकिन गोमांस निर्यात में कमी नहीं आई। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को इस विषय पर ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, “एक तरफ सरकार गौरक्षा की बात करती है और दूसरी ओर निर्यात के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।”
राजनीतिक हलकों में हलचल
शंकराचार्य के इस कदम ने बिहार के चुनावी माहौल को और भी रोचक बना दिया है। धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर आधारित यह घोषणा सियासी दलों के लिए नई चुनौती बन सकती है। अब देखना यह होगा कि गोरक्षा को लेकर उनकी मुहिम मतदाताओं के बीच कितनी पकड़ बना पाती है।