द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : कतर की राजधानी दोहा में सोमवार को इजरायली हमले के खिलाफ ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) और अरब देशों की संयुक्त आपात बैठक हुई। इस बैठक में 60 मुस्लिम देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और प्रतिनिधि शामिल हुए। पाकिस्तानी अख़बार द डॉन के अनुसार, इजरायल ने पिछले सप्ताह कतर में मौजूद हमास नेताओं पर एयरस्ट्राइक की थी। वे गाज़ा में सीजफायर प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। हमास का दावा है कि इस हमले में उसके छह सदस्य मारे गए, हालांकि शीर्ष नेतृत्व बच गया।
OIC का कड़ा बयान: इजरायल पर कानूनी कार्रवाई और रिश्तों की समीक्षा
बैठक के बाद OIC ने संयुक्त बयान जारी कर सभी देशों से इजरायल के खिलाफ कानूनी और प्रभावी कदम उठाने की अपील की। बयान में कहा गया कि सदस्य देश इजरायल के साथ अपने कूटनीतिक और आर्थिक रिश्तों पर पुनर्विचार करें, क्योंकि वह लंबे समय से फिलिस्तीनियों पर हमले कर रहा है।
OIC देशों ने संयुक्त राष्ट्र में इजरायल की सदस्यता समाप्त करने के लिए प्रयास करने की भी सिफारिश की। बैठक का उद्देश्य गाज़ा में जारी इजरायली हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना था।
कतर के अमीर ने दी चेतावनी
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी ने बैठक में कहा कि गाज़ा में सीजफायर वार्ता कर रहे हमास प्रतिनिधियों पर हमला करके इजरायल ने दिखा दिया कि उसका उद्देश्य शांति नहीं है। उन्होंने कहा, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का अरब को इजरायली क्षेत्र में बदलने का सपना बेहद खतरनाक है।
बैठक के बाद शेख तमीम ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, दोहा में हुई आपात अरब-इस्लामिक बैठक इजरायल के आतंकवाद के खिलाफ एक कठोर संदेश है। इसके परिणाम सामूहिक प्रयासों को मजबूत करेंगे और मुस्लिम देशों की एकजुट आवाज़ को सशक्त बनाएंगे।
इस अरब-इस्लामिक समिट में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति मौसाद पेजेशकियान, तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद सिया अल-सुदानी और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास ने भाग लिया।
ईरान का सख्त रुख
ईरानी राष्ट्रपति मौसाद पेजेशकियान ने कहा कि इजरायल की यह कार्रवाई कल किसी अन्य मुस्लिम देश के खिलाफ भी हो सकती है, जैसा कुछ समय पहले ईरान के साथ हुआ था। उन्होंने सभी मुस्लिम देशों से इजरायल के साथ अपने रिश्ते खत्म करने की अपील दोहराई। OIC की यह आपात बैठक गाज़ा में बढ़ते तनाव और कतर में हमास नेताओं पर इजरायल के हमले के बाद बुलाई गई थी। सदस्य देशों ने एकजुट होकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इजरायल पर दबाव बनाने का संकल्प व्यक्त किया।