द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख़ों का ऐलान 6 अक्तूबर के बाद कभी भी हो सकता है। इस बार तीन से चार चरणों में चुनाव संपन्न होंगे और प्रत्याशियों व राजनीतिक दलों ने पहले से ही प्रचार अभियान को तेज कर दिया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने यह साफ कर दिया है कि इस बार प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। इसी उद्देश्य से कई टीमों और कोषांगों का गठन किया गया है, जो प्रचार सामग्री से लेकर वाहनों, सभाओं और सोशल मीडिया प्रचार तक का लेखाजोखा रखेंगे।
स्टेटिक स्क्वाड और फ्लाइंग स्क्वाड हुए सक्रिय
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए स्टेटिक स्क्वाड टीम (SST) और फ्लाइंग स्क्वाड टीम (FST) को सक्रिय कर दिया है। इसके अलावा वीडियो व्यूइंग टीम, वीडियो सर्विलांस टीम, अकाउंट टीम और असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर की नियुक्ति भी की गई है।
चुनाव अवधि में 50 हजार रुपये से अधिक की नकदी लेकर चलने वाले व्यक्तियों को इसका हिसाब देना होगा। यदि रकम का स्रोत संदिग्ध पाया गया तो उसे जब्त कर सत्यापन की कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह शराब, हथियार और अन्य आपत्तिजनक सामान मिलने पर भी जब्ती की कार्रवाई होगी।
प्रत्याशियों के खर्च की सीमा और व्यय कोषांग की भूमिका
इस बार प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है। इसी पर निगरानी रखने के लिए निर्वाचन व्यय कोषांग गठित किया गया है। यह कोषांग न केवल हर प्रत्याशी के खर्च का संधारण करेगा बल्कि उसकी जांच और सत्यापन भी करेगा।
चुनावी प्रचार से जुड़े खर्चों की विस्तृत निगरानी की जाएगी। इसमें प्रचार सामग्री, वाहनों का किराया, सभा और जुलूसों का आयोजन, बैनर-पोस्टर, इंटरनेट मीडिया पर प्रचार, कार्यालय व्यय, भोजन वितरण और प्रचार गीतों का खर्च शामिल होगा। प्रत्याशियों को अपने सभी खर्च का रजिस्टर संधारित करना होगा। वहीं, अकाउंट टीम इस खर्च का सत्यापन शैडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर (SOR) से करेगी।
संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष निगरानी
वीडियो सर्विलांस टीम (VST) खास तौर पर संवेदनशील इलाकों और हाई प्रोफाइल प्रत्याशियों तथा स्टार प्रचारकों के कार्यक्रमों पर नजर रखेगी। इन कार्यक्रमों की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी और बाद में वीडियो व्यूइंग टीम फुटेज का विश्लेषण कर अनुमानित खर्च का मूल्यांकन करेगी। इस प्रक्रिया का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रत्याशी द्वारा खर्च की सीमा से अधिक व्यय न किया जाए।
फ्लाइंग स्क्वाड टीम (FST) को आचार संहिता उल्लंघन और चुनाव प्रचार से जुड़ी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। इस टीम द्वारा सभा, रैली, रोड शो और नुक्कड़ नाटक जैसी गतिविधियों की वीडियो और फोटो रिकॉर्डिंग की जाएगी। इन रिकॉर्डिंग्स से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उम्मीदवारों के खर्च का सही लेखाजोखा रखा जा सके।
असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर की भूमिका
चुनाव आयोग द्वारा तैनात किए गए असिस्टेंट एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर (AEO) और एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर (EO) चुनाव खर्च की निगरानी में आयोग की आंख और कान माने जाते हैं। इनकी नियुक्ति केंद्रीय सेवाओं से होती है। एईओ लगातार चुनाव प्रचार और व्यय से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखेंगे और प्रतिदिन व्यय प्रेक्षक को रिपोर्ट सौंपेंगे।
व्यय कोषांग की संरचना
निर्वाचन व्यय कोषांग में नोडल पदाधिकारी, सहायक नोडल पदाधिकारी, अन्य पदाधिकारी, डेटा एंट्री ऑपरेटर और सहायक कर्मी तैनात किए गए हैं। इस कोषांग के नोडल पदाधिकारी राज्य कर अपर आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग, मुजफ्फरपुर हैं, जिनकी निगरानी में यह कोषांग लगातार सक्रिय रहेगा।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने स्पष्ट किया है कि यदि खर्च पर नियंत्रण नहीं रखा गया तो चुनाव निष्पक्ष नहीं कहलाएगा। इसलिए सभी कोषांगों और टीमों को आपसी समन्वय से कार्य करना होगा। खर्च की प्रतिदिन समीक्षा बैठक होगी और खर्च का मिलान कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।