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भारत विविधताओं का देश है, चीन जैसा सत्तावाद यहां नहीं चलेगा – राहुल गांधी

India is a country of diversity, authoritarianism like China will not work here - Rahul Gandhi

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कोलंबिया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारत के लोकतंत्र, भारत-चीन संबंधों और आर्थिक चुनौतियों पर बयान दिया। ईआईए यूनिवर्सिटी में संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज भारत की सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र पर हो रहे हमले हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत चीन की तरह लोगों को दबा नहीं सकता क्योंकि लोकतंत्र हमारी मूल पहचान है।

भारत में लोकतंत्र पर हमले – राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत में कई धर्म, भाषाएं और परंपराएं हैं और लोकतंत्र ही वह व्यवस्था है, जो सभी को एक साथ लेकर चल सकती है। उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक ढांचा आज खतरे में है, इस पर चारों तरफ से हमले हो रहे हैं। भारत संवाद का केंद्र है और विभिन्न विचारों को जगह देने का सबसे अच्छा तरीका लोकतांत्रिक व्यवस्था है।

राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या आने वाले 50 वर्षों में भारत और चीन दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार होंगे, तो उन्होंने जवाब दिया कि भारत फिलहाल खुद को वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में नहीं देखता। उन्होंने कहा, भारत चीन का पड़ोसी और अमेरिका का घनिष्ठ साझेदार है। हम वहीं बैठे हैं जहां ये दोनों ताकतें आपस में टकरा रही हैं।

भारत में तेजी से आर्थिक विकास लेकिन नौकरियां नहीं

राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत में तेजी से आर्थिक विकास हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद देश नौकरियां पैदा करने में असमर्थ है। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था सर्विस सेक्टर पर निर्भर है जबकि मैन्युफैक्चरिंग का स्तर बहुत कमजोर है। उन्होंने कहा, भारत को लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर ऐसा उत्पादन मॉडल विकसित करना होगा, जो चीन को टक्कर दे सके। चीन ने गैर-लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन क्षमता बढ़ाई है, लेकिन भारत की राह अलग है।

चीन की राह नहीं अपना सकता भारत

कांग्रेस सांसद ने साफ कहा कि भारत चीन जैसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, चीन ने अपने नागरिकों को दबाकर विकास का रास्ता चुना है, लेकिन भारत की व्यवस्था इसे स्वीकार नहीं करेगी। हमारी ताकत विविधता और लोकतंत्र है। यदि हम इसे कमजोर करेंगे तो भारत पीछे चला जाएगा।

Team The Loktantra

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लोकतंत्र की मूल भावना के अनुरूप यह ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां स्वतंत्र विचारों की प्रधानता होगी। द लोकतंत्र के लिए 'पत्रकारिता' शब्द का मतलब बिलकुल अलग है। हम इसे 'प्रोफेशन' के तौर पर नहीं देखते बल्कि हमारे लिए यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही से पूर्ण एक 'आंदोलन' है।

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