द लोकतंत्र : जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे शरीर के साथ दिमाग भी उम्रदराज होने लगता है। याददाश्त कमजोर होना, फोकस कम होना और समस्या सुलझाने की क्षमता का घट जाना एक प्राकृतिक प्रक्रिया मानी जाती है। लेकिन हाल के वर्षों में शोध यह साबित कर रहे हैं कि गलत लाइफस्टाइल और खासकर नींद की कमी दिमाग को समय से पहले बूढ़ा कर देती है।
नींद की कमी सबसे बड़ा कारण
नींद सिर्फ शरीर को आराम नहीं देती, बल्कि दिमाग को रिपेयर और सुरक्षा प्रदान करती है। जब पर्याप्त नींद नहीं ली जाती, तो शरीर में क्रोनिक इंफ्लेमेशन (सूजन) बढ़ जाता है। यह सूजन सीधे न्यूरॉन्स को प्रभावित करती है और धीरे-धीरे दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। लंबे समय तक नींद की कमी डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देती है।
रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में 27,000 से अधिक लोगों की नींद और दिमाग पर प्रभाव की जांच की गई। उनके ब्रेन स्कैन के आधार पर अनुमान लगाया गया कि नींद की कमी वाले लोगों का दिमाग उनकी वास्तविक उम्र से कहीं अधिक बूढ़ा है।
जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती, उनका दिमाग लगभग 0.6 साल ज्यादा उम्रदराज पाया गया।
वहीं, जो लोग लगातार नींद से वंचित रहते हैं, उनका दिमाग उनकी असल उम्र से 1 साल बड़ा पाया गया।
रिसर्चर्स ने नींद का एक “स्कोर” भी तैयार किया, जिसमें हर अंक की गिरावट दिमाग को करीब छह महीने बूढ़ा बना देती है।
एक्सपर्ट्स की सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि दिमाग को जवान बनाए रखने के लिए सबसे आसान उपाय है, अच्छी और नियमित नींद लेना। इसके लिए रोज़ाना एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालना बेहद जरूरी है।
सोने से कम से कम 1 घंटे पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का इस्तेमाल बंद करें।
रात में कैफीन युक्त पेय पदार्थों से बचें।
योग, ध्यान और हल्का व्यायाम दिनभर की थकान और तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
नींद सिर्फ आराम नहीं है, बल्कि यह दिमाग के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कुंजी है। समय रहते अपनी नींद पर ध्यान देकर आप दिमागी बुढ़ापे को काफी हद तक रोक सकते हैं।