द लोकतंत्र/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) से पहले सियासी माहौल गरमा गया है। अब बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं की पहचान का मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनाव आयोग से मांग की है कि मतदान केंद्रों पर बुर्का या पर्दा पहनकर आने वाली महिलाओं की पहचान को उनके मतदाता पहचान पत्र (EPIC) से सख्ती से मिलान किया जाए, ताकि फर्जी वोटिंग को रोका जा सके। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस मांग को बीजेपी की “सांप्रदायिक राजनीति” का हिस्सा बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है।
चुनाव आयोग के साथ हुई राजनीतिक दलों की अहम बैठक
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के नेतृत्व में शनिवार को पटना में राजनीतिक दलों की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में राज्य के प्रमुख दलों जेडीयू, आरजेडी, बीजेपी, कांग्रेस, बसपा, CPI(ML) और लोजपा (रामविलास) के प्रतिनिधि मौजूद रहे। दलों ने अपनी-अपनी चुनावी रणनीतियां और सुझाव आयोग के सामने रखे। जेडीयू ने एक चरण में चुनाव कराने की वकालत की, जबकि बीजेपी ने एक या अधिकतम दो चरणों में मतदान कराने की मांग की।
बीजेपी ने उठाया बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान का मुद्दा
बैठक में सबसे ज़्यादा चर्चा बीजेपी की उस मांग को लेकर हुई जिसमें उसने बुर्का या पर्दा पहनकर वोट डालने आने वाली महिलाओं की पहचान सत्यापन की सख्त व्यवस्था की मांग की। बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में आयोग से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि फर्जी वोटिंग पर रोक लगाने के लिए यह कदम ज़रूरी है। हम चाहते हैं कि मतदान केंद्रों पर महिलाओं की पहचान उनके ईपीआईसी कार्ड से सख्ती से मिलाई जाए।
RJD ने बताया अल्पसंख्यक महिलाओं को निशाना बनाने की साजिश
इस मांग पर आरजेडी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी अल्पसंख्यक महिलाओं को टारगेट कर चुनावी ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। चुनाव आयोग ने हाल ही में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची को अपडेट किया है, और नई फोटो वाली ईपीआईसी कार्ड जारी की जा रही हैं। ऐसे में पहचान को लेकर कोई समस्या नहीं है। उन्होंने इस पूरे मुद्दे को बीजेपी की ‘सियासी चाल’ बताया जो वोट बैंक साधने के लिए उठाई गई है।
गौरतलब है कि बुर्का पहनकर वोटिंग करने का विवाद पहली बार नहीं उठा है। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी दिल्ली बीजेपी ने यही मांग की थी कि मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान सत्यापित की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2010 में अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि धार्मिक भावनाओं के नाम पर मतदाता पहचान से छूट नहीं दी जा सकती, और मतदाता पहचान पत्र के लिए फोटो अनिवार्य है।
243 सीटों पर चुनाव की तैयारियां तेज, जल्द हो सकता है ऐलान
चुनाव आयोग ने अभी तक बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर-नवंबर में राज्य की 243 सीटों पर मतदान की संभावना है। आयोग ने सभी दलों से सुझाव मांगे हैं और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने का भरोसा दिया है। बुर्का विवाद के बाद बिहार की सियासत में नया मोड़ आ गया है जहां बीजेपी इसे पारदर्शिता का प्रतीक बता रही है, वहीं विपक्ष इसे अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का हथियार बता रहा है।