द लोकतंत्र/ पटना : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की तैयारियां तेज हो गई हैं। जहां एक ओर राजनीतिक दल अपनी रणनीति और उम्मीदवारों के चयन में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए राज्य में चुनाव इस तारीख से पहले संपन्न करा दिए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने की व्यापक समीक्षा
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम दो दिनों से बिहार में सक्रिय है। आयोग ने पटना में राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), विशेष पुलिस नोडल अधिकारी (SPNO), केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को सुचारु और निष्पक्ष बनाना है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार में चुनाव समय पर और पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न होंगे।
प्रत्येक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता
आयोग ने बताया कि इस बार किसी भी पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इससे मतदान प्रक्रिया सुगम और सुरक्षित बनेगी। इसके लिए BLO (Booth Level Officers) को सशक्त बनाया गया है, जो मतदाताओं से सीधे संपर्क कर उनकी पहचान सुनिश्चित करेंगे। साथ ही उन्हें विशेष ID कार्ड भी दिए गए हैं। आयोग ने यह भी कहा कि मतदाता अब मोबाइल लेकर पोलिंग बूथ में प्रवेश नहीं करेंगे, इसके लिए “मोबाइल जमा कर वोट दें” व्यवस्था शुरू की गई है।
100% वेबकास्टिंग और डिजिटल मॉनिटरिंग
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार बिहार में सभी पोलिंग स्टेशनों पर 100% वेबकास्टिंग की जाएगी, ताकि मतदान प्रक्रिया की निगरानी रियल-टाइम में की जा सके। इसके साथ ही “वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म” लागू किया जा रहा है, जिससे प्रत्याशी और अधिकारी दोनों डिजिटल माध्यम से संवाद कर सकेंगे। अब प्रत्येक प्रत्याशी को अपने एजेंट को बूथ से 100 मीटर की दूरी तक तैनात करने की अनुमति दी गई है।
EVM पर रंगीन बैलेट पेपर से होगी वोटिंग
चुनाव आयोग ने एक और महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब EVM पर ब्लैक एंड व्हाइट बैलेट पेपर की जगह रंगीन फोटो और सीरियल नंबर के साथ बैलेट पेपर होंगे। इससे मतदाताओं को प्रत्याशियों की पहचान में आसानी होगी और वोटिंग प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी बनेगी।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर होने वाले इस चुनाव को लेकर आयोग और प्रशासन दोनों पूरी तरह तैयार हैं। इस बार का चुनाव तकनीकी नवाचार और सख्त पारदर्शिता के कारण देशभर में एक आदर्श चुनाव मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।