द लोकतंत्र : World Cup 2023 सपना तो हर कोई देखता है लेकिन जिसके में ज़िद और जुनून होता है वही अपने सपनों का पीछा कर उसे पूरा करता है। आज का दिन किंग कोहली के नाम रहा। अपने जन्मदिन पर किंग कोहली ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी कर ख़ुद को शानदार ‘बर्थडे गिफ्ट’ दिया है। रन-मशीन कोहली ने आज (5 नवम्बर) को अपने जन्मदिन पर वनडे करियर का अपना 49वां शतक जड़ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की बराबरी कर ली है।
महज़ 277 इनिंग्स में हासिल किया लक्ष्य
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने वनडे करियर में 463 मुकाबले खेले है जिसमें 452 पारियों में 18426 रन बनाए। औसत की बात करें तो मास्टर ब्लास्टर का औसत 44.83 का रहा। तेंदुलकर ने अपने वनडे करियर में 49 शतक संग 96 अर्धशतक लगाए है। तो वहीं रन-मशीन कोहली ने महज 277वीं पारी में ही ये उपलब्धि अपने नाम कर ली है। विराट कोहली ने ईडन गार्डेंस की कठिन परिस्थितियों में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 49वें ओवर में अपना 49वां शतक पूरा कर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।
वनडे में सर्वाधिक शतक
49 विराट कोहली (277 पारी)
49 सचिन तेंदुलकर (452 पारी)
31 रोहित शर्मा (251 पारी)
30 रिकी पोंटिंग (365 पारी)
28 सनथ जयसूर्या (433 पारी)
तेंदुलकर ने किंग कोहली को दी बधाई
मास्टर ब्लास्टर सचिन ने किंग कोहली को उनके रिकॉर्ड की बराबरी करने पर बधाई दी। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखते हुए उन्होंने कहा, विराट आपने अच्छा खेला। मुझे 49 से 50 शतक तक पहुंचने में 365 दिन लग गए थे। मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में आप 49 से 50 पर पहुंच जाएंगे और मेरा रिकॉर्ड तोड़ देंगे। बधाई हो।
बता दें, विराट कोहली का बल्ला वनडे विश्व कप के शुरुआत से ही आग उगल रहा है। अबतक खेले गए मुकाबलों में कोहली ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की है। उन्होंने अबतक 85 रन, नाबाद 55 रन, 16 रन, नाबाद 103 रन, 95 रन, 0, 88 रन, नाबाद 101 रन की पारियां खेली हैं। आज विराट आज अपना 35वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। विराट वनडे में सबसे कम पारियों में 49 शतक ठोकने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने महज 277 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की।
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विराट कोहली ने शतक जड़ने के बाद क्या कहा
भारतीय पारी समाप्त होने के बाद विराट ने कहा, ये एक ऐसा विकेट था जिस पर बल्लेबाजी करना मुश्किल था। रोहित और शुभमन से हमें शानदार शुरुआत मिली। मेरा काम इसे जारी रखना था। 10वें ओवर के बाद गेंद ग्रिप और टर्न लेने लगी, धीमी हो गई और फिर मेरी रोल काफी देर तक बल्लेबाजी करने का था। टीम प्रबंधन ने भी मुझे यही बताया।
श्रेयस अय्यर ने अच्छा खेला और अंत में हमने कुछ और रन बनाए। एशिया कप के दौरान हमारी काफी बातचीत हुई। हम तीसरे और चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं, इसलिए खेल को आगे ले जाने के लिए यह साझेदारी जरूरी थी। इस शानदार मैदान पर इतनी बड़ी भीड़ के सामने अपने जन्मदिन पर शतक बनाना बहुत अच्छा है। मैं इन सब के लिए ऊपरवाले का आभारी हूं।