द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : मुंबई में आयोजित इंडिया मैरिटाइम वीक-2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के समुद्री क्षेत्र में हुई प्रगतियों को रेखांकित करते हुए दुनिया भर के निवेशकों को भारत के ‘ब्लू इकॉनॉमी’ मिशन का हिस्सा बनने का आह्वान किया। कार्यक्रम के बाद अपने LinkedIn पोस्ट में प्रधानमंत्री ने भारत को उभरती हुई वैश्विक समुद्री शक्ति बताते हुए कहा कि देश की नीति-संरचना, इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षमता और रणनीतिक तटीय परिसंपत्तियाँ निवेश के लिए अभूतपूर्व अवसर प्रदान करती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि भारत के पास न केवल लंबी समुद्री सीमा है, बल्कि वैश्विक व्यापार मार्गों पर उसकी स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत के पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने, लॉजिस्टिक्स क्षमता सुधारने और समुद्री तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। PM मोदी ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत के समुद्री सेक्टर में निवेश कर वैश्विक साझेदार लाभ उठा सकते हैं। आओ, भारत के ब्लू फ्यूचर में निवेश करें।
मुंबई की समुद्री विरासत और भावी विज़न का उल्लेख
PM मोदी ने मुंबई को भारत की समुद्री पहचान का प्रतीक बताया और कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की सैन्य-दृष्टि और समुद्री नेतृत्व भारत की सशक्त सामुद्रिक विरासत की नींव है। उन्होंने यह भी कहा कि आज का मुंबई विश्वस्तरीय पोर्ट्स, शिपिंग सुविधाओं और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के माध्यम से दुनिया के प्रमुख समुद्री व्यापार केंद्रों में अपनी जगह मजबूत कर चुका है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने वैश्विक निवेशकों, शिपिंग कंपनियों, पोर्ट ऑपरेटरों और समुद्री विशेषज्ञों से संवाद किया। उनके अनुसार, भारत के समुद्री सुधारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी दिलचस्पी और भरोसा दिखाई दे रहा है।
सुधारों का ज़िक्र और पूर्व मॉडल पर टिप्पणी
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बीते दशकों में समुद्री क्षेत्र की प्रगति धीमी रही, जिसके कारण क्षमता और अवसरों का पूर्ण उपयोग नहीं हो सका। उन्होंने बिना किसी सीधा आरोप लगाए कहा कि पूर्व में निर्णय-प्रक्रिया धीमी थी, लेकिन पिछले दस वर्षों में नीतिगत सुधार, तकनीकी उन्नयन और जनभागीदारी ने इस सेक्टर को नई ऊर्जा दी है।
आंकड़ों में दिखाई प्रगति
PM मोदी ने समुद्री क्षेत्र में बीते वर्षों में हुई वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा :
- पोर्ट क्षमता 1400 MMTPA से बढ़कर 2762 MMTPA
- कार्गो हैंडलिंग 972 MMT से बढ़कर 1594 MMT
- भारतीय शिप्स की संख्या 1205 से बढ़कर 1549
- टन भार क्षमता 10 मिलियन टन से बढ़कर 13.52 मिलियन टन
प्रधानमंत्री के अनुसार, यह विकास केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि भारत की समुद्री क्षमता, लॉजिस्टिक्स दक्षता और अंतरराष्ट्रीय भरोसे में हुई सार्थक वृद्धि का परिचायक है। उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में भारत वैश्विक समुद्री व्यापार और ब्लू इकॉनॉमी के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, और यह समय वैश्विक निवेशकों के लिए भारत के साथ कदम से कदम मिलाने का है।

