द लोकतंत्र : देश की राजधानी दिल्ली सोमवार सुबह से ही घने कोहरे की घनी चादर में लिपटी रही। सर्दियों के इस अत्यधिक घने कोहरे ने न सिर्फ सड़क परिवहन को प्रभावित किया, बल्कि हवाई यातायात को भी बुरी तरह से बाधित किया है। कम विजिबिलिटी के कारण दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGIA) से दर्जनों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि सैकड़ों फ्लाइट्स अपने तय समय से देरी से संचालित हुईं। यात्रियों को इस अचानक आई बाधा के कारण एयरपोर्ट पर लंबे इंतजार का सामना करना पड़ा।
आंकड़ों में बाधा: रद्द और विलंबित उड़ानें
सोमवार की सुबह विजिबिलिटी का स्तर इतना कम हो गया था कि सुरक्षित संचालन संभव नहीं हो पाया। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली एयरपोर्ट से 60 से अधिक फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा और लगभग 250 उड़ानें देरी से संचालित हुईं।
- डायवर्जन: कुछ फ्लाइट्स को तो यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सुरक्षा कारणों से दूसरे शहरों की ओर डायवर्ट भी करना पड़ा।
- एयरलाइंस का प्रभाव: इंडिगो की सबसे ज्यादा 36 उड़ानें रद्द हुईं, जबकि एयर इंडिया को भी 19 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ीं। एयरलाइंस ने पहले ही यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए खराब मौसम के चलते विलंब की संभावना जताई थी।
तकनीकी समाधान: CAT III सिस्टम की भूमिका
दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन ने बताया कि इस परिस्थिति में भी कुछ फ्लाइट्स का संचालन जारी रहा। इसका मुख्य कारण विमानों में मौजूद CAT III सिस्टम (Category III Instrument Landing System) है।
- CAT III सुविधा: यह सिस्टम विमानों को बेहद कम विजिबिलिटी (50 मीटर तक) में भी सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ की सुविधा देता है। जिन फ्लाइट्स में यह सुविधा नहीं थी, वे कोहरे से ज्यादा प्रभावित हुईं।
परिचालन सामान्य होने के संकेत और भविष्य की चुनौतियां
दिन चढ़ने के साथ ही हालात में आंशिक सुधार देखने को मिला। दोपहर के बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने जानकारी दी कि विजिबिलिटी बेहतर हो रही है और फ्लाइट ऑपरेशन धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहे हैं।
- व्यस्ततम हवाई अड्डा: दिल्ली एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, जहां रोजाना करीब 1,300 फ्लाइट मूवमेंट होते हैं। इसलिए, थोड़ी सी भी मौसम खराबी का असर पूरे सिस्टम पर बड़ा पड़ता है।
- भविष्य का असर: मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि सर्दियों की शुरुआत के साथ आने वाले दिनों में कोहरे की समस्या और बढ़ सकती है। ऐसे में एयरलाइंस और यात्रियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

