द लोकतंत्र : भारत में बढ़ती डिजिटल पैठ के साथ ही साइबर अपराधियों ने आम नागरिकों को ठगने के लिए अत्यधिक परिष्कृत तरीके अपनाना शुरू कर दिया है। इसी परिप्रेक्ष्य में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक नई प्रकार की धमकी, ‘Silent Calls’ (साइलेंट कॉल्स) के प्रति देशव्यापी सतर्कता की चेतावनी जारी की है। देखने में मामूली लगने वाली ये कॉल्स वास्तव में किसी बड़े साइबर हमले, फिशिंग या वित्तीय धोखाधड़ी की पूर्व-तैयारी हो सकती हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन कॉल्स को नजरअंदाज करना उपयोगकर्ताओं के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
क्या हैं साइलेंट कॉल्स और इनका खतरनाक पक्ष?
DoT के तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, साइलेंट कॉल्स ऐसी कॉल होती हैं जिनमें कॉल प्राप्त करने पर दूसरी ओर से कोई ध्वनि नहीं सुनाई देती।
- सक्रियता की जांच: साइबर अपराधी इन कॉल्स का उपयोग मुख्यतः यह पुष्टि करने के लिए करते हैं कि संबंधित मोबाइल नंबर वर्तमान में सक्रिय (Active) है या नहीं। जैसे ही कोई यूजर कॉल रिसीव करता है, अपराधियों के डेटाबेस में वह नंबर ‘लाइव’ के रूप में चिह्नित हो जाता है।
- भविष्य का जोखिम: एक बार नंबर सक्रिय पाए जाने पर, उसी नंबर को फिशिंग, अनचाहे संदेशों, सोशल इंजीनियरिंग अटैक या बैंकिंग धोखाधड़ी के लिए लक्षित किया जाता है।
फर्जी कॉल्स की शिकायत का आधिकारिक माध्यम
भारत सरकार ने ‘संचार साथी’ पहल के अन्तर्गत ‘चक्षु’ (Chakshu) पोर्टल विकसित किया है, ताकि नागरिक सशक्त होकर इन अपराधों की रिपोर्ट कर सकें।
शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया:
- वेबसाइट विजिट: सर्वप्रथम आधिकारिक वेबसाइट sancharsaathi.gov.in पर लॉगिन करें।
- चक्षु विकल्प: ‘Citizen Centric Services’ अनुभाग में जाकर ‘Chakshu’ पर क्लिक करें।
- विवरण भरना: कॉल का समय, संदिग्ध नंबर और धोखाधड़ी का प्रकार (जैसे Silent Call) का चयन करें।
- सत्यापन: अपनी सामान्य जानकारी भरें और मोबाइल पर प्राप्त OTP के माध्यम से शिकायत को सत्यापित कर जमा करें।
भविष्य का प्रभाव और सतर्कता
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में AI-जनित कॉल्स और साइलेंट कॉल्स की संख्या बढ़ सकती है। दूरसंचार विभाग की यह सक्रियता दर्शती है कि सरकार डिजिटल स्पेस को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अनजान नंबरों से बार-बार आने वाली ऐसी कॉल्स को तुरंत ब्लॉक करें और उन्हें रिपोर्ट करना अपनी नागरिक जिम्मेदारी समझें। सचेत रहना ही साइबर अपराध के खिलाफ सबसे मजबूत रक्षा कवच है।

