द लोकतंत्र : किसान नेता चौधरी चरण सिंह को जब भारत रत्न देने की घोषणा हुई थी तब आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के दिल में भाजपा के लिए एक ‘ख़ास प्यार’ उमड़ पड़ा था। भाजपा के साथ नये रिश्ते में जाने के लिए जयंत चौधरी ने अखिलेश यादव से नाता तोड़कर भाजपा से नज़दीकियाँ बढ़ा ली थी और आधिकारिक तौर पर एनडीए का हिस्सा बन गये थे। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आरएलडी को दो लोकसभा सीटें दी हैं। आम चुनाव के लिए पहले चरण का नामांकन हो चुका है। सियासी सरगर्मियाँ बढ़ गई हैं। ऐसे में जयंत की पार्टी से उनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए अलविदा कह दिया है।
पहले और दूसरे चरण के दौरान पश्चिमी यूपी की ज्यादातर सीटों पर चुनाव होना है लेकिन उसके पहले भी आरएलडी में टूट की ख़बरें सामने आ रही हैं। आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा जयंत चौधरी को भेजा है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने अपने एक्स प्लेटफार्म पर पोस्ट कर इस्तीफ़े की जानकारी सार्वजनिक की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया के पोस्ट में लिखा, कल मैंने राष्ट्रीय लोक दल की सदस्यता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की पोस्ट से अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह को भेज दिया है।
अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा, आज जब भारत के संविधान और लोकतांत्रिक ढाँचा ख़तरे मैं है ख़ामोश रहना पाप है। मैं जयंत जी का आभारी हूँ पर भारी मन से आरएलडी से दूरी बनाने के लिए मजबूर हूं। भारत की एकता, अखंडता विकास और भाईचारा सर्वप्रिय है। इसे बचाना हर नागरिक की ज़िम्मेवारी और धरम है।
वीडियो पोस्ट कर भाजपा नेताओं से की गुज़ारिश
आरएलडी के राष्ट्रीय रहे उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने एक वीडियो भी पोस्ट किया है। वीडियो पोस्ट कर उन्होंने लिखा, आज सवाल किसी एक दल का नहीं भारत के लोकतंत्र और राज धर्म को सुरक्षित करने का है। मैं भाजपा के नेताओं से भी बिनती करूँगा की आप अटल जी के राज धर्म को बचाने के लिए आगे आयें।
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शाहिद सिद्दीकी अपने इस्तीफें के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा है कि मैं और मेरा परिवार इंदिरा के आपातकाल के खिलाफ खड़े हुए थे और आज उन सभी संस्थानों को कमजोर होते हुए चुपचाप नहीं देख सकते, जिन्होंने एकजुट होकर भारत को दुनिया के महान देशों में से एक बनाया है। उन्होंने कहा कि, आज जब भारत का संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे मैं है खामोश रहना पाप है। मैं जयंत जी का आभारी हूं पर भारी मन से आरएलडी से दूरी बनाने के लिए मजबूर हूं।