द लोकतंत्र : NEET पेपर लीक मामले में मंगलवार 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नीट का पेपर दोबारा नहीं होगा। चीफ जस्टिस ऑफि इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक हजारीबाग में हुआ और पटना तक गया, यह निर्विवाद है। CJI ने आदेश पढ़ते हुए कहा कि सीबीआई ने कहा है कि अभी तक हजारीबाग और पटना के 155 छात्रों लाभार्थी होने की बात सामने आई है। सीजेआई ने कहा कि यह मामला बड़ी संख्या में छात्रों को प्रभावित करने वाला है। इसलिए हम दोबारा परीक्षा को न्यायोचित नहीं मानते।
हम दोबारा परीक्षा को न्यायोचित नहीं मानते
सुप्रीम कोर्ट मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आयोजन में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने इस साल के नतीजों की तुलना पिछले 3 साल के आंकड़ों से भी की। इससे भी ऐसा नहीं लगा कि व्यापक गड़बड़ी है। इसलिए हम दोबारा परीक्षा को न्यायोचित नहीं मानते।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि गलत तरीके अपनाने वाला कोई भी छात्र फायदा न उठा सके, न भविष्य में दाखिला पा सकें। CJI ने कहा कि हम मानते हैं कि दोबारा परीक्षा का 20 लाख से ज्यादा छात्रों पर इसका असर पड़ेगा। अकादमिक सत्र गड़बड़ा जाएगा, पढ़ाई में देरी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
फिर से बनेगा NEET रिज़ल्ट
इससे पहले भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने तथा मंगलवार दोपहर तक सही जवाब पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
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भौतिक विज्ञान के एक सवाल के दो सही जवाब वाले मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट स्वीकार करते हैं। उसके अनुसार NTA को नीट यूजी 2024 रिजल्ट रिवाइज करके जारी करना चाहिए। ऑप्शन 4 सही उत्तर है, उसी के आधार पर मार्क्स दिए जाएं। वहीं 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स मामले में कोर्ट ने एनटीए को नीट रीटेस्ट के तहत आगे बढ़ने के लिए कहा है। इसी के साथ चीफ जस्टिस ने ये भी कहा है कि- अगर किसी स्टूडेंट का कोई व्यक्तिगत मामला है, जो इन मामलों से जिसका निपटारा इस NEET Judgement में नहीं हुआ है, तो हम उनका स्वागत करते हैं। वे कानून के तहत अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।