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हरियाणा में धराशाही हुए एग्जिट पोल के आँकड़े, भाजपा ने लगायी जीत की हैट्रिक

Exit poll data shattered in Haryana, BJP achieved a hat-trick of victories

द लोकतंत्र : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। एग्जिट पोल्स में जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की भविष्यवाणी की गई थी, वहीं नतीजे इससे बिल्कुल उलट आए और भाजपा ने 48 सीटों पर विजय हासिल की। इस बार की जीत भाजपा के लिए खास इसलिए भी है, क्योंकि यह पार्टी की हरियाणा में तीसरी लगातार जीत है, जो राज्य के 57 साल के राजनीतिक इतिहास में एक रिकॉर्ड है।

पीएम मोदी ने जताया आभार

वहीं हरियाणा में जीत से उत्साहित पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर हरियाणा का आभार जताया। उन्होंने लिखा, हरियाणा का हृदय से आभार! भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर स्पष्ट बहुमत देने के लिए मैं हरियाणा की जनशक्ति को नमन करता हूं। यह विकास और सुशासन की राजनीति की जीत है। मैं यहां के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने आगे लिखा, इस महाविजय के लिए अथक परिश्रम और पूरे समर्पण भाव से काम करने वाले अपने सभी कार्यकर्ता साथियों को भी मेरी बहुत-बहुत बधाई! आपने ना केवल राज्य की जनता-जनार्दन की भरपूर सेवा की है, बल्कि विकास के हमारे एजेंडे को भी उन तक पहुंचाया है। इसी का नतीजा है कि भाजपा को हरियाणा में यह ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है।

बीजेपी के दांव ने विपक्ष को किया चित्

बता दें, भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में उम्मीद के विपरीत प्रदर्शन किया है और कई नई सीटों पर भी कमल खिलाने में सफल रहा। भाजपा की इस जीत के पीछे कई फ़ैक्टर्स प्रभावी रहे। बीजेपी ने एंटी इनकम्बैंसी की संभावनाओं को ख़ारिज करने की रणनीति के तहत चुनाव से छह महीने पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बदलकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था। खट्टर सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन और महिला पहलवानों के विरोध के चलते ज़बरदस्त एंटी-इनकम्बेंसी की लहर थी। वहीं, ख़ास रणनीति के तहत नायब सिंह सैनी के रूप में ओबीसी चेहरे को आगे किया, जिसने 44 प्रतिशत ओबीसी वोटर्स को साधने में सीधी भूमिका निभाई।

इसके अलावा, भाजपा ने हरियाणा की सियासत में ‘जाट बनाम गैर-जाट’ की रणनीति को मजबूती से लागू किया। यह फॉर्मूला पहले भी 2014 और 2019 के चुनावों में भी हिट रहा था। भाजपा ने सवर्णों के अलावा दलित और पिछड़े वर्ग के वोटर्स को भी साधा। हरियाणा में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 20 प्रतिशत है, जो चुनाव परिणामों में निर्णायक साबित हुई। भाजपा ने इस बार अनुसूचित जाति की 17 आरक्षित सीटों में से सात पर जीत दर्ज की, जबकि पिछली बार सिर्फ चार सीटों पर ही जीत मिली थीं। साथ ही, भाजपा ने इस बार 25 सीटों पर पुराने चेहरों की जगह नए उम्मीदवार उतारे। इसमें से 16 प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल रहे।

जेजेपी का कमजोर प्रदर्शन भाजपा के लिए मुफ़ीद साबित हुआ

जजपा (जननायक जनता पार्टी) का कमजोर प्रदर्शन भाजपा के लिए मुफ़ीद साबित हुआ। 2019 के चुनाव में जजपा ने 10 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार गठबंधन टूटने के बाद पार्टी पूरी तरह हाशिए पर चली गई। जजपा की कमजोर स्थिति का फायदा पूरी तरह भाजपा को मिला, खासकर जाट बहुल इलाकों में। भाजपा ने जजपा की चार सीटों पर कब्जा जमा लिया जिससे पार्टी का वोट बैंक और मजबूत हो गया है।

Team The Loktantra

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