द लोकतंत्र : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर 29 जनवरी को मुख्य स्नान अनुष्ठान होगा, जिसमें लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के भाग लेने का अनुमान है। स्नान के बाद बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
इस बीच, अयोध्या में भक्तों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने हालात को देखते हुए श्रद्धालुओं से अपील की है कि पास-पड़ोस के लोग 15-20 दिनों बाद अयोध्या की यात्रा की योजना बनाएं।
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अयोध्या में व्यवस्थाओं पर बढ़ा दबाव
चंपत राय ने अपने बयान में कहा कि पिछले तीन दिनों में अयोध्या आने वाले भक्तों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि व्यवस्थाओं पर भारी दबाव पड़ रहा है। अयोध्या धाम की जनसंख्या और आकार को देखते हुए सभी श्रद्धालुओं को एक ही दिन में दर्शन कराना मुश्किल हो रहा है। भक्तों को लंबी दूरी तक पैदल चलना पड़ रहा है, जिससे असुविधा हो रही है।
अप्रत्याशित भीड़ से निपटने के लिए ट्रस्ट का अनुरोध
चंपत राय ने कहा कि “हम श्रद्धालुओं से निवेदन करते हैं कि वे वसंत पंचमी के बाद फरवरी में यात्रा की योजना बनाएं। उस समय मौसम भी सुहाना रहेगा और व्यवस्थाओं में सुधार के साथ सभी को बेहतर अनुभव मिलेगा। दूर-दराज से आने वाले भक्तों को अभी दर्शन में प्राथमिकता दी जा रही है।”
प्रयागराज से अयोध्या की यात्रा में भक्तों की उमड़ी भीड़
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में स्नान करने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में ट्रेन और सड़क मार्ग से अयोध्या पहुंच रहे हैं। ट्रस्ट के अनुसार, किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए व्यवस्थाओं में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं।
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सुरक्षा और सुविधा की अपील
ट्रस्ट ने इस स्थिति में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए सभी से सहयोग की अपील की है। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे ट्रस्ट के सुझावों का पालन करें और भगवान रामलला के दर्शन के लिए अपनी यात्रा को बेहतर तरीके से योजना बनाएं।यह अपील भक्तों की सुरक्षा, सुविधा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है