द लोकतंत्र : महाकाल की नगरी उज्जैन में फूल विक्रेताओं का संगठित गिरोह चलता है जो आये दिन श्रद्धालुओं से मारपीट और गाली गलौच करते थे। ज़िला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए 40 फूल की दुकानों पर बुलडोज़र चला कर अतिक्रमण हटाया गया। बता दें, कालभैरव मंदिर के बाहर रविवार को मुंबई से आए श्रद्धालुओं के साथ फूल-प्रसाद बेचने वालों ने जमकर मारपीट की थी और उनका सिर फोड़ दिया था। फूल वालों ने नाबालिग किशोर व किशोरियों को भी पीटा और उनके कपड़े तक फाड़ दिए।
आरोपियों पर मामला दर्ज, चला बुलडोज़र
काल भैरव मंदिर के पास मुंबई के श्रद्धालुओं के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान लेकर 40 फूल की दुकानों पर बुलडोज़र चला कर अतिक्रमण हटाया। साथ ही, मारपीट करने वाले आरोपियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है। उज्जैन पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर के पास मुंबई के श्रद्धालुओं के साथ राजा भाटी नाम के प्रसाद विक्रेता जो आपराधिक प्रवृत्ति का है उसने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मारपीट की थी। इस मामले में भैरवगढ़ थाने में आरोपी राजा भाटी और उसके साथियों के खिलाफ हफ्ता वसूली, मारपीट और छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके अलावा इस मामले में कुछ आरोपियों को हिरासत में भी लिया गया है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने भी घटना को गंभीरता से लिया है। उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर काल भैरव मंदिर के पास से 40 दुकानों का अतिक्रमण हटाया गया। इनमें से 27 दुकान सिहस्थ की भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई थी। इसके अलावा दो दुकान शासकीय भूमि पर स्थित थी और 11 दुकानों को मंदिर की जमीन पर स्थापित कर दिया गया था। सभी दुकाने अवैध थीं और अतिक्रमण कर संचालित हो रही थीं। इन सभी दुकानों पर मारपीट की घटना के बाद बुलडोजर चला दिया गया।
आख़िर क्या था मामला
दरअसल, एडवोकेट अमरदीप (46) पुत्र रमेश भट्टाचार्य निवासी मुंबई, अपनी पत्नी शैलजा, भाई ऋषिकेश, भाभी अनुपमा व बच्चे जीत, युवराज, नेत्रा, स्विता के साथ उज्जैन दर्शन करने के लिए आए थे। वे रविवार सुबह भगवान महाकाल की भस्म आरती के पश्चात सपरिवार कालभैरव के दर्शन करने के लिए मैजिक वाहन चालक कमल कुमार के साथ गए थे।
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पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने के बाद मुंबई से आए श्रद्धालु अमरजीत, युवराज और उनके साथी टाटा मैजिक के जरिए काल भैरव दर्शन करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने राजा भाटी नामक फूल विक्रेता की दुकान के सामने अपनी टाटा मैजिक खड़ी करवा दी, जबकि फूल और प्रसाद किसी अन्य दुकान से ले लिया। इसी के चलते राजा भाटी ने ऐतराज व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं से कहसुनी शुरू कर दी जिसके बाद विवाद बढ़ गया और मारपीट शुरू हो गई।