द लोकतंत्र: दुनिया के कई हिस्सों में भूकंप की वजह से तबाही की खबरें आती रहती हैं। रविवार, 10 अगस्त को एक बार फिर धरती हिली, जब मैक्सिको और तुर्किए दोनों देशों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
मैक्सिको में भूकंप
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, मैक्सिको के ओक्साका तट के पास 5.7 तीव्रता का भूकंप आया। जर्मन भूविज्ञान अनुसंधान केंद्र ने बताया कि भूकंप का केंद्र समुद्र में 10 किलोमीटर (लगभग 6.2 मील) की गहराई पर था। हालांकि शुरुआती रिपोर्ट्स में बड़े पैमाने पर नुकसान की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन लोगों में दहशत फैल गई।
यह पहला मौका नहीं है जब मैक्सिको में भूकंप आया हो। हाल ही में 20 जुलाई को चियापास से लगभग 34 किलोमीटर दूर 4.2 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे। इसके एक दिन पहले, 19 जुलाई को भी 4.4 तीव्रता का भूकंप आया था।
मैक्सिको में भूकंप की वजह
मैक्सिको ‘रिंग ऑफ फायर’ नामक क्षेत्र में स्थित है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला एक ज्वालामुखीय और भूकंपीय सक्रिय इलाका है। यहां पैसिफिक, नॉर्थ अमेरिकन और रिवेरा प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, जिससे बार-बार भूकंप आते हैं।
तुर्किए में भी भूकंप से तबाही
इसी दिन, तुर्किए के उत्तर-पश्चिमी प्रांत बालिकेसिर में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण (AFAD) के मुताबिक, भूकंप शाम 7 बजकर 53 मिनट पर सिंदिरगी जिले में आया। इस घटना में 81 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। 15 से ज्यादा इमारतें गिरने की खबर है। गृह मंत्री अली येरलिकाया ने बताया कि बचाव कार्य जारी है और प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भेजी जा रही है।
भूकंप का वैश्विक खतरा
भूकंप केवल मैक्सिको और तुर्किए तक सीमित नहीं हैं। भारत, नेपाल, पाकिस्तान और चीन जैसे देश भी भूकंप से बार-बार प्रभावित होते हैं। हिमालयी क्षेत्र और ‘रिंग ऑफ फायर’ दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंपीय गतिविधियों वाले इलाके माने जाते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्क रहना और आपदा प्रबंधन की तैयारी रखना बेहद जरूरी है।