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Lifestyle

Basi Roti Benefits and Side Effects: बासी रोटी खाने के फायदे और नुकसान

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द लोकतंत्र: भारतीय घरों में अक्सर बचा हुआ खाना अगले दिन खा लिया जाता है, खासकर रोटी। कई लोग सुबह के नाश्ते या शाम की चाय के साथ बासी रोटी खाना पसंद करते हैं। ग्रामीण इलाकों में तो बासी रोटी को स्वाद लेकर खाया जाता है और माना जाता है कि इससे शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बासी रोटी के फायदे (Basi Roti Benefits) और नुकसान (Side Effects) दोनों हैं और इसे खाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, चाहे आयुर्वेद हो या मॉडर्न साइंस, दोनों में ही कहा गया है कि खाना हमेशा ताज़ा ही खाना चाहिए। जब खाना लंबे समय तक रखा रहता है तो उसमें बैक्टीरिया और फंगस पनपने लगते हैं। यही बात रोटी पर भी लागू होती है।

हालांकि, अगर रोटी सिर्फ एक दिन पुरानी है तो यह सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाती, लेकिन लगातार बासी रोटी खाने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी (Nutrient Deficiency) हो सकती है और डाइजेशन से जुड़ी कई समस्याएं भी हो सकती हैं।

बासी रोटी खाने के फायदे
ब्लड शुगर कंट्रोल –
बासी रोटी खाने से ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है।
पेट की समस्याओं में राहत – यह एसिडिटी, जलन और खट्टी डकार जैसी समस्याओं को कम करने में मददगार है।
एनर्जी बूस्टर – इसमें मौजूद फाइबर और कार्बोहाइड्रेट शरीर को लंबे समय तक एनर्जी देते हैं।
वजन घटाने में मददगार – फाइबर की अधिकता के कारण यह वजन कम करने वालों के लिए फायदेमंद मानी जाती है।

बासी रोटी खाने के नुकसान
बैक्टीरिया और फंगस का खतरा –
ज्यादा देर रखी रोटी खाने से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है।
पेट दर्द और उल्टी – बासी रोटी पचने में मुश्किल हो सकती है, जिससे पेट दर्द और उल्टी की समस्या हो सकती है।
डाइजेशन संबंधी दिक्कतें – रोजाना बासी रोटी खाने से डाइजेशन कमजोर हो सकता है।
पोषक तत्वों की कमी – ताजा खाने की तुलना में बासी रोटी में न्यूट्रिशन धीरे-धीरे कम हो जाता है।

अगर कभी-कभार एक दिन पुरानी रोटी खाई जाए तो इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं होता, बल्कि यह कुछ मामलों में फायदेमंद भी हो सकती है। लेकिन अगर इसे रोज़ाना खाने की आदत बना ली जाए तो यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हमेशा ताज़ा और संतुलित आहार ही सेहत के लिए सबसे बेहतर है।

Uma Pathak

Uma Pathak

About Author

उमा पाठक ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से मास कम्युनिकेशन में स्नातक और बीएचयू से हिन्दी पत्रकारिता में परास्नातक किया है। पाँच वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली उमा ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी सेवाएँ दी हैं। उमा पत्रकारिता में गहराई और निष्पक्षता के लिए जानी जाती हैं।

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