द लोकतंत्र : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक हालिया बयान ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है। उन्होंने दावा किया कि आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दर्द और बुखार की दवा पैरासिटामोल (Tylenol) गर्भावस्था के दौरान बच्चों में ऑटिज्म और एडीएचडी (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) का खतरा बढ़ा सकती है। ट्रंप के इस बयान के बाद गर्भवती महिलाओं में डर फैल गया और सोशल मीडिया पर इस पर जमकर चर्चा होने लगी। हालांकि, दुनिया के प्रमुख स्वास्थ्य संगठनों और भारतीय डॉक्टरों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है और इसे सिर्फ एक अफवाह बताया है।
WHO और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियां ट्रंप के दावे को नकार चुकी हैं
ट्रंप के इस बयान पर तुरंत ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) और ब्रिटेन की स्वास्थ्य एजेंसियों ने प्रतिक्रिया दी। इन सभी ने एक स्वर में ट्रंप के दावे को गलत बताया। WHO की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने साफ किया कि पैरासिटामोल आज भी गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित दवा मानी जाती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई भी नया वैज्ञानिक सबूत सामने नहीं आया है जो ट्रंप के दावे को सही ठहराता हो।
भारतीय डॉक्टरों ने भी ट्रंप के इस बयान पर अपनी राय दी है। कोचीन के डॉ. राजीव जयरामन ने बताया कि स्वीडन में हुए एक बड़े अध्ययन में 24 लाख बच्चों पर यह रिसर्च की गई थी। इस अध्ययन में यह पाया गया कि पैरासिटामोल से ऑटिज्म या अन्य न्यूरो-डेवलपमेंटल डिसऑर्डर का खतरा नहीं बढ़ता है। उन्होंने आगाह किया कि अगर गर्भवती महिलाएं तेज बुखार में पैरासिटामोल न लें तो इससे मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा हो सकता है, क्योंकि तेज बुखार गर्भस्थ शिशु के विकास को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रेग्नेंसी में किन दवाओं से बचना चाहिए?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। कई दवाएं भ्रूण के विकास पर बुरा असर डाल सकती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी दवाएं जिनसे प्रेग्नेंसी के दौरान पूरी तरह बचना चाहिए:
- इबुप्रोफेन और डाइक्लोफेनाक: ये दवाएं आमतौर पर दर्द और सूजन में ली जाती हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान इनके सेवन से बच्चे के दिल और किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है।
- टेट्रासाइक्लिन: यह एक एंटीबायोटिक है जो गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास को प्रभावित कर सकती है।
- आइसोट्रेटिनॉइन: यह दवा आमतौर पर मुंहासों के इलाज में दी जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह बेहद खतरनाक है क्योंकि यह बच्चे में जन्मजात विकार पैदा कर सकती है।
- कुछ एंटी-एपिलेप्टिक दवाएं: मिर्गी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाएं भ्रूण में जन्म दोष और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं बढ़ा सकती हैं।
- हार्मोनल दवाएं: डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी हार्मोनल दवा लेना गर्भ में पल रहे शिशु के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
कुल मिलाकर, ट्रंप के बयान ने भले ही एक बहस छेड़ दी हो, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि उनका दावा वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है। पैरासिटामोल डॉक्टर की सलाह पर प्रेग्नेंसी में सुरक्षित रूप से ली जा सकती है। गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह का दर्द, बुखार या संक्रमण होने पर खुद से दवा लेने के बजाय तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ताकि मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।