द लोकतंत्र: आज के दौर में खराब खान-पान, तनाव और निष्क्रिय जीवनशैली के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल एक आम समस्या बन चुकी है। यह समस्या अक्सर साइलेंट किलर मानी जाती है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण स्पष्ट नहीं होते। हालांकि, आपके हाथों और पैरों में कुछ संकेत ऐसे हो सकते हैं जो इस खतरे की तरफ इशारा करते हैं।
हाथ-पैरों में झुनझुनी
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है तो वह आर्टरीज की दीवारों पर जमने लगता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। इस कारण हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुई चुभने जैसा अहसास हो सकता है। यह खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत है।
पैरों में ऐंठन या दर्द
यदि चलते समय बार-बार पैरों में ऐंठन या थकान महसूस हो रही है, तो यह भी हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है। ब्लॉक्ड आर्टरीज की वजह से मांसपेशियों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, जिससे यह समस्या होती है।
हाथ-पैरों का ठंडा पड़ना
कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं और खून का प्रवाह धीमा हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि हाथ और पैर सामान्य तापमान में भी ठंडे महसूस होते हैं।
धीमे भरने वाले घाव
अगर पैरों में कोई छोटा घाव है जो लंबे समय तक ठीक नहीं हो रहा, तो यह गंभीर संकेत हो सकता है। यह खराब रक्त संचार के कारण शरीर की हीलिंग क्षमता के घटने का नतीजा हो सकता है।
स्किन कलर में बदलाव
ऑक्सीजन की कमी के कारण स्किन में नीले या बैंगनी रंग के धब्बे दिख सकते हैं। यह विशेष रूप से पैरों में नजर आते हैं और तुरंत ध्यान देने योग्य संकेत हैं।
नाखूनों का रंग बदलना
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण पैरों के नाखून पीले या सफेद पड़ सकते हैं, जो रक्त प्रवाह की कमी का संकेत है।
क्या करें?
फिटनेस और डाइट पर ध्यान दें: ओमेगा-3, फाइबर और कम फैट वाला भोजन लें।
नियमित जांच कराएं: साल में एक बार लिपिड प्रोफाइल जरूर करवाएं।
लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से संपर्क करें।
हाई कोलेस्ट्रॉल भले ही चुपचाप शरीर को नुकसान पहुंचाए, लेकिन शरीर आपको संकेत देता है। विशेष रूप से हाथ और पैरों में होने वाली ऐंठन, ठंडापन, झुनझुनी जैसे लक्षणों को हल्के में न लें। समय रहते पहचान और उचित इलाज से आप हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।