द लोकतंत्र : भारत, अपने भौगोलिक और सांस्कृतिक वैविध्य के लिए जाना जाता है, लेकिन देश के सुदूर उत्तर-पूर्वी कोने में एक ऐसा गाँव है जो प्रकृति के एक अद्भुत और अद्वितीय चमत्कार का प्रमाण है। हम बात कर रहे हैं मणिपुर में स्थित ‘चंपू खंगपोक’ की, जिसे भारत का एकमात्र फ्लोटिंग विलेज (Floating Village) यानी तैरता हुआ गाँव कहा जाता है। एडवेंचर और यूनिक यात्राओं के शौकीनों के लिए यह गाँव किसी लाइफटाइम यादगार एक्सपीरियंस (Lifetime Memorable Experience) से कम नहीं है।
पृष्ठभूमि: लोकटक झील के तैरते द्वीप (‘फुम्डिस’)
यह गाँव नॉर्थ इंडिया के मणिपुर राज्य में प्रसिद्ध लोकटक झील (Loktak Lake) पर बसा हुआ है। इस झील की सबसे बड़ी विशेषता इसके तैरते हुए द्वीप हैं, जिन्हें स्थानीय भाषा में ‘फुम्डिस (Phumdis)’ कहा जाता है। चंपू खंगपोक गाँव इन्हीं फुम्डिस पर बसा हुआ है, जहाँ लगभग 500 घरों में 2,000 लोग निवास करते हैं।
यहां की जमीन को आर्द्रभूमि (Wetland) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। रामसर कन्वेंशन ने भी चंपू खंगपोक गाँव को अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि के रूप में मान्यता दी है। फुम्डिस जलीय पौधों, मिट्टी के जमाव और कार्बनिक पदार्थों के इकट्ठा होने से बनते हैं। ये पदार्थ समय के साथ मिलकर एक घनी और मोटी चटाई जैसी परत बना देते हैं, जो पानी पर तैरती रहती है। यही कारण है कि यहाँ खड़े होने पर धरती हिलती हुई-सी महसूस होती है।
अनूठी जीवनशैली और आत्मनिर्भरता
फ्लोटिंग द्वीप पर रहने वाले लोगों का पूरा जीवन पानी पर निर्भर है। उनकी जीवनशैली प्राकृतिक और आत्मनिर्भर है।
आवास और ऊर्जा: यहां के घर मुख्य रूप से बांस (Bamboo) के बने होते हैं, जो पानी पर आसानी से तैर सकते हैं। बिजली जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए ग्रामीण सोलर पैनल (Solar Panel) का इस्तेमाल करते हैं।
परिवहन और भोजन: आने-जाने के लिए परिवहन का एकमात्र साधन नाव (Boat) है। लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पालन है और मछली उनका प्रमुख भोजन भी है।
स्वच्छता: जल प्रदूषण से बचने के लिए, यहां के लोग बायो डाइजेस्टर टॉयलेट (Bio Digester Toilet) का उपयोग करते हैं। पीने के लिए झील के पानी को फिटकरी और प्राकृतिक चीजों से साफ किया जाता है।
यात्रा और पहुँचने का तरीका
फ्लोटिंग विलेज की यात्रा पर्यटकों के लिए मैजिकल एक्सपीरियंस (Magical Experience) साबित हो सकती है, क्योंकि यहाँ के घर न तो नाव हैं और न ही ठोस जमीन पर बने हैं।
इस गाँव में पहुंचने के लिए पर्यटकों को पहले इम्फाल (Imphal) आना होगा, जो फ्लाइट, ट्रेन या रोड ट्रिप के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है। इम्फाल से टैक्सी या बस लेकर लोकटक झील के पास मोइरांग (Moirang) या थांगा (Thanga) तक जाया जा सकता है। अंतिम चरण में, पर्यटक नाव के जरिए इस तैरते हुए गाँव तक पहुँच सकते हैं।
चंपू खंगपोक गाँव भारत में मानव अनुकूलन और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व का एक जीता-जागता उदाहरण है। यह न केवल मणिपुर के पर्यटन के लिए एक अनूठा आकर्षण है, बल्कि यह एडवेंचर के शौकीनों को धरती पर एक ऐसी जगह का अनुभव कराता है, जहाँ ज़िंदगी पानी के बहाव पर नाचती है। यह गाँव वास्तव में भारतीय भूगोल का एक अद्भुत अध्याय है, जिसे हर किसी को देखना चाहिए।

