द लोकतंत्र: नवरात्रि का पावन पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और भक्त व्रत रखते हैं। इस दौरान उपवास करने वाले लोग सात्विक भोजन का सेवन करते हैं, जिसमें साबूदाना (Sago/Tapioca Pearls) का विशेष महत्व होता है। साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना खीर और वड़ा व्रत के दिनों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उपवास में जो साबूदाना आप खा रहे हैं वह असली है भी या नहीं? नवरात्रि के दौरान बाजार में साबूदाने की मांग बहुत बढ़ जाती है और इसी वजह से उसमें मिलावट की आशंका भी रहती है। नकली या मिलावटी साबूदाना न सिर्फ स्वाद बिगाड़ सकता है बल्कि सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि असली और नकली साबूदाने की पहचान कैसे करें।
असली और नकली साबूदाना पहचानने के तरीके
1. उबालकर जांचें
सबसे आसान तरीका है कि साबूदाने को पानी में उबालें। असली साबूदाना उबालने के बाद भी अलग-अलग दानों में रहता है और ज्यादा चिपचिपा नहीं होता। जबकि नकली साबूदाना उबालने पर अत्यधिक चिपचिपा हो जाता है।
2. रंग से पहचानें
असली साबूदाने का रंग ऑफ-व्हाइट और हल्का ट्रांसपेरेंट होता है। अगर साबूदाना बहुत ज्यादा चमकदार सफेद दिख रहा है तो यह मिलावटी हो सकता है।
3. छूकर टेस्ट करें
हथेली पर कुछ साबूदाना लेकर रगड़ें। अगर वह बहुत ज्यादा पाउडर छोड़ता है तो समझ लें कि यह नकली या मिलावटी है। असली साबूदाना इतनी जल्दी पाउडर नहीं छोड़ता।
4. पानी में डालकर देखें
साबूदाने को सामान्य पानी में डालकर कुछ देर छोड़ दें। अगर वह पानी में तैरने लगे तो यह नकली हो सकता है। असली साबूदाना पानी में तैरता नहीं है बल्कि नीचे बैठ जाता है।
5. जलाकर पहचानें
बर्न टेस्ट भी असरदार है। यदि साबूदाने को जलाने पर उसमें से प्लास्टिक जैसी गंध आती है तो वह नकली है। असली साबूदाना जलने पर ऐसी दुर्गंध नहीं छोड़ता।
नवरात्रि में व्रत रखते समय जहां सात्विक भोजन की परंपरा निभाई जाती है, वहीं असली और शुद्ध सामग्री का सेवन करना भी जरूरी है। साबूदाना अगर नकली या मिलावटी है तो सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए ऊपर बताए गए सरल तरीकों से साबूदाने की शुद्धता जांचकर ही उपवास का भोजन तैयार करें और अपनी सेहत का ध्यान रखें।