द लोकतंत्र: जब कोई महिला मां बनने की ओर कदम बढ़ाती है, तो उसका शरीर सिर्फ उसके लिए नहीं, बल्कि एक नए जीवन के पोषण और सुरक्षा के लिए भी कार्य करता है। ऐसे में सही आहार का चयन गर्भावस्था के दौरान बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरान पारंपरिक भारतीय सुपरफूड “मखाना” एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरता है। मखाना न केवल मां की हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग के विकास में भी मदद करता है।
हड्डियों को करता है मजबूत
मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है। यह गर्भवती महिला की हड्डियों को मजबूत बनाता है और गर्भस्थ शिशु की हड्डियों के विकास में भी सहायक होता है। इससे गर्भावस्था में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव हो सकता है।
बच्चे के मस्तिष्क के विकास में सहायक
मखाने में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोप्रोटेक्टिव तत्व शिशु के मानसिक विकास को सही दिशा देने में मदद करते हैं। यह भविष्य में बच्चे की स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बेहतर बनाने में योगदान देता है।
ब्लड शुगर को करता है कंट्रोल
गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज़ एक सामान्य समस्या है। मखाना लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला फूड है, जिससे यह ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने में सहायक होता है।
पाचन तंत्र को सुधारता है
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज, गैस और एसिडिटी आम समस्या होती है। मखाना फाइबर से भरपूर होता है जो पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज से राहत देता है।
तनाव और थकान से राहत
मखाना में मैग्नीशियम और प्रोटीन जैसे तत्व होते हैं जो मांसपेशियों को आराम देते हैं। इससे प्रेगनेंट महिला को मानसिक शांति और ऊर्जा मिलती है।
कैसे करें सेवन?
मखानों को घी में हल्का भूनकर स्नैक्स की तरह खाया जा सकता है।
दूध में उबालकर मखाना खीर बनाई जा सकती है।
सुबह नाश्ते में या रात को सोने से पहले इसका सेवन करना लाभकारी होता है।
प्रेगनेंसी में मखाना एक ऐसा सुपरफूड है जो आधुनिक पोषण के साथ पारंपरिक गुणों का अद्भुत संगम है। यह न केवल मां के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि शिशु के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।