द लोकतंत्र : आधुनिक जीवनशैली में विटामिन सप्लीमेंट्स का सेवन एक सामान्य प्रक्रिया बन चुका है। हड्डियों की मजबूती, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और थकान मिटाने के लिए बड़ी संख्या में लोग विटामिन D का सहारा लेते हैं। हालांकि, हालिया स्वास्थ्य शोध और विशेषज्ञों की चेतावनी बताती है कि विटामिन D लेने का समय और उसके साथ खाया जाने वाला भोजन इसकी प्रभावकारिता को निर्धारित करता है। यदि सावधानी न बरती जाए, तो महंगे सप्लीमेंट्स भी शरीर में अवशोषित हुए बिना व्यर्थ हो सकते हैं।
अवशोषण में बाधक बनने वाले प्रमुख खाद्य घटक
विटामिन D एक ‘फैट-सॉल्युबल’ (वसा में घुलनशील) विटामिन है, जिसका अर्थ है कि इसे सोखने के लिए शरीर को स्वस्थ वसा की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ चीजें इस प्रक्रिया में बाधा डालती हैं:
- फाइबर की अत्यधिक मात्रा: दालें, साबुत अनाज और फाइबर युक्त फल स्वास्थ्य के लिए उत्तम हैं, लेकिन विटामिन D के साथ इनका सेवन अवशोषण को बाधित करता है। फाइबर विटामिन D के अणुओं को बांध सकता है, जिससे वे रक्त प्रवाह में नहीं मिल पाते।
- फाइटिक एसिड का प्रभाव: नट्स, बीज और अनाज में पाया जाने वाला फाइटिक एसिड कैल्शियम और विटामिन D की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, फाइटिक एसिड युक्त भोजन और सप्लीमेंट के बीच कम से कम दो घंटे का अंतर होना चाहिए। [Image showing the molecular interaction between phytic acid and essential minerals like calcium and zinc]
सप्लीमेंट इंटरेक्शन: कैल्शियम, विटामिन A और मैग्नीशियम
मल्टीविटामिन लेने वाले उपयोगकर्ताओं को लेबल चेक करने की विशेष सलाह दी जाती है:
- विटामिन A बनाम D: उच्च मात्रा में विटामिन A का सेवन विटामिन D के लाभों को निष्प्रभावी कर सकता है, क्योंकि दोनों एक ही अवशोषण मार्ग का उपयोग करते हैं।
- कैल्शियम और किडनी की सेहत: विटामिन D कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है, परंतु दोनों की अत्यधिक खुराक एक साथ लेने से गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) का जोखिम बढ़ सकता है।
- मैग्नीशियम का महत्व: विटामिन D को सक्रिय करने के लिए मैग्नीशियम जरूरी है, लेकिन सप्लीमेंट के रूप में दोनों को साथ लेने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे गैस या दस्त हो सकते हैं।
दवाएं और समय का प्रबंधन
कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं (Statins या Sequestrants) अक्सर विटामिन D को आंत में ही बांध लेती हैं। चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार, दवा और सप्लीमेंट के बीच 4 घंटे का अंतराल रखना अनिवार्य है।
विटामिन D की प्रभावकारिता बढ़ाने के लिए इसे थोड़े फैट वाले नाश्ते या हल्के भोजन के साथ लेना ही सर्वश्रेष्ठ है। सही समय पर सप्लीमेंट का सेवन न केवल पैसों की बचत करता है, बल्कि हड्डियों, मांसपेशियों और प्रतिरक्षा प्रणाली को पूर्ण सुरक्षा भी प्रदान करता है।

