द लोकतंत्र/ रायपुर : छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, लोक परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए सीएम विष्णु देव साय ने बुधवार शाम नवीन विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित आठ कॉफी टेबल बुक्स का विमोचन किया। यह सभी पुस्तकें राज्य सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर “दो साल निरंतर सेवा, निरंतर विकास” की भावना को समर्पित हैं।
विमोचित पुस्तकों में बस्तर दशहरा (हिंदी व अंग्रेज़ी), पुण्यभूमि छत्तीसगढ़ (हिंदी व अंग्रेज़ी), छत्तीसगढ़ के अतुल्य जलप्रपात (हिंदी व अंग्रेज़ी) और बैगा टैटू (हिंदी व अंग्रेज़ी) शामिल हैं। इन पुस्तकों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति, ऐतिहासिक परंपराएं, लोक कलाएं और प्राकृतिक विरासत को चित्रों और शोधपरक सामग्री के साथ प्रस्तुत किया गया है।
छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत को वैश्विक मंच पर पहुंचाएंगी कॉफी टेबल बुक्स: सीएम साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि ये कॉफी टेबल बुक्स छत्तीसगढ़ की लोक-संस्कृति, आदिवासी कला, परंपराओं और प्राकृतिक धरोहर को देश-विदेश तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ केवल प्राकृतिक संसाधनों का प्रदेश नहीं है, बल्कि यह विविध संस्कृतियों और गौरवशाली परंपराओं की भूमि है, जिसे संरक्षित करना और विश्व के सामने प्रस्तुत करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने इन पुस्तकों को राज्य की पहचान को मजबूत करने वाला एक सार्थक और दूरदर्शी प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा जैसी अनूठी परंपरा, बैगा जनजाति की टैटू कला, छत्तीसगढ़ की जलप्रपात श्रृंखला और प्रदेश की ऐतिहासिक पुण्यभूमि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
कार्यक्रम के दौरान जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव, महासमुंद विधायक योगेश्वर सिन्हा, जनसंपर्क विभाग के सचिव रोहित यादव, जनसंपर्क आयुक्त रवि मित्तल, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, पूर्व विधायक खिलावन साहू सहित कई जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
ये पुस्तकें छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत का सशक्त दस्तावेज़
विमोचन के बाद मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए लिखा कि ये पुस्तकें छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत का सशक्त दस्तावेज़ हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरा, पुण्यभूमि छत्तीसगढ़, अतुल्य जलप्रपात और बैगा टैटू जैसे विषयों पर हिंदी और अंग्रेज़ी में प्रकाशित ये पुस्तकें राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाई देंगी।
राज्य सरकार का यह प्रयास न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को संजोने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन, शोध और सांस्कृतिक संवाद को भी नई गति देने वाला कदम माना जा रहा है।

