द लोकतंत्र: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 36 घंटे से अधिक समय तक चली मुठभेड़ में अब तक 16 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इनमें 1 करोड़ के इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपति भी शामिल है। इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एके-47, एसएलआर, इंसास और अन्य ऑटोमैटिक हथियारों सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद और उपकरण बरामद किए हैं।
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस की कुल 10 टीमों और सीआरपीएफ तथा एसओजी ओडिशा के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। इस दौरान सघन सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसके तहत कई नक्सली ठिकानों का पता लगाया गया। घायल एक जवान को एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुठभेड़ को नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जीत बताया। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद पर यह एक और करारा प्रहार है। हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। नक्सलवाद अब अपने अंतिम दौर में है, और यह हमारे बलों के अदम्य साहस और संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।”
मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में कई शीर्ष कमांडर और हार्डकोर नक्सली शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जयराम उर्फ चलपति जैसे बड़े नक्सली नेताओं के खात्मे से नक्सलियों के नेटवर्क और उनकी रणनीति को गंभीर झटका लगा है। इस कार्रवाई से नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों का मनोबल और अधिक बढ़ेगा।
मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। ग्रामीणों के बीच विश्वास बहाली के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि नक्सली गतिविधियों से प्रभावित इलाकों में विकास और सुरक्षा का माहौल बनाए रखा जाए।
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यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ चलाए गए अभियानों में सबसे बड़ी सफलताओं में से एक माना जा रहा है। सुरक्षाबलों ने दिखा दिया है कि नक्सलवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। नक्सल मुक्त भारत का सपना अब और भी करीब लगता है।