द लोकतंत्र: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजधानी लखनऊ को दिल्ली-NCR और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन की तर्ज पर एक आधुनिक और स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए लखनऊ-स्टेट कैपिटल रीजन (Lucknow SCR) परियोजना की अधिसूचना जारी कर दी है।
इस महत्वाकांक्षी योजना में लखनऊ के साथ पांच जिलों हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य राजधानी पर बढ़ते दबाव को कम करना और आसपास के क्षेत्रों में संतुलित शहरी विकास सुनिश्चित करना है।
कनेक्टिविटी और ट्रांसपोर्ट
लखनऊ मेट्रो का विस्तार नजदीकी जिलों तक करने की योजना बनाई गई है। यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने आठ नए मार्गों का प्रस्ताव रखा है। साथ ही दिल्ली-मेरठ RRTS की तर्ज पर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) लागू करने की तैयारी है।
लगभग 300 किलोमीटर लंबा आउटर रिंग रोड भी तैयार होगा, जो लखनऊ को छह जिलों से जोड़ेगा। इससे अयोध्या, वाराणसी और कानपुर से आने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश किए बिना गंतव्य तक पहुंचने की सुविधा होगी।
स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग
योजना में राजमार्गों और रिंग रोड का विस्तार, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा और मल्टीलेवल पार्किंग शामिल है। साथ ही किफायती आवासीय योजनाओं, स्लम पुनर्विकास और अवैध निर्माण पर सख्ती का भी प्रावधान है।
रायबरेली में एम्स को मास्टर प्लान में शामिल किया गया है और लखनऊ में पहले ही पीएमएवाई के तहत 5,000 घरों की योजना शुरू हो चुकी है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और इंडस्ट्री
परियोजना के तहत नए मेडिकल और एजुकेशनल संस्थान स्थापित होंगे। रायबरेली में एम्स और अन्य जिलों में मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं। औद्योगिक विकास के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) और आईटी पार्क भी बनाए जाएंगे। इससे क्षेत्र में MSME और स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यावरण और ग्रीन एनर्जी
ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ हेरिटेज ट्री अडॉप्शन स्कीम और वाटिका योजना लागू की जाएगी। 948 से अधिक विरासत वृक्षों का संरक्षण किया जाएगा।
जमीन की कीमतों पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि SCR परियोजना के लागू होने से जमीन की कीमतों में तेजी से वृद्धि होगी। खासतौर पर आउटर रिंग रोड और मेट्रो कनेक्टिविटी के आसपास के क्षेत्रों में भूमि दरें NCR की तरह बढ़ सकती हैं।
प्रशासनिक ढांचा और लागत
UPSCRDA (उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी) का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे। शुरुआती चरण में लगभग 71 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है, जबकि कुल लागत हजारों करोड़ तक पहुंच सकती है।
परियोजना को 2047 तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।