द लोकतंत्र : लोकसभा चुनाव के कारण राज्यसभा में 10 पद रिक्त हो गए हैं। दरअसल जो पद रिक्त हुए हैं वह उन सदस्यों के हुए हैं जिन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था। राज्यसभा के यह सभी सदस्य लोकसभा चुनाव जीत गये हैं। जिसके चलते अब उनकी राज्यसभा सीटें खाली हो गई हैं। राज्यसभा सचिवालय ने अब खाली पदों को अधिसूचित कर दिया है जिनमें असम बिहार और महाराष्ट्र में दो-दो तथा हरियाणा मध्य प्रदेश राजस्थान और त्रिपुरा में एक-एक सीट शामिल हैं। चुनाव आयोग अब राज्य सभा में इन रिक्त सीटों को भरने के लिए चुनाव की नई तारीखों की घोषणा जल्द करेगा।
कौन कौन सी सीटें हुई हैं ख़ाली, कैसे होता है चुनाव
बता दें, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वो लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से स्वत: खाली हो जाती है। राज्यसभा के सांसदों को विधानसभा के मेंबर यानी विधायक गण चुनते हैं। हालांकि, इस पूरी चुनाव प्रक्रिया में विधान परिषद के सदस्य हिस्सा नहीं लेते। साफ शब्दों में कहें तो जिस पार्टी के पास जितने ज्यादा विधायक होंगे, उस पार्टी के पास उतने ज्यादा राज्यसभा सांसद होंगे। राज्यसभा की वह सीटें जो हुई हैं ख़ाली –
- कामाख्या प्रसाद तासा – असम
- सर्बानंद सोनोवाल – असम
- मीसा भारती – बिहार
- विवेक ठाकुर – बिहार
- दीपेंद्र सिंह हुड्डा – हरियाणा
- ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया – मध्य प्रदेश
- उदयनराजे भोंसले – महाराष्ट्र
- पीयूष गोयल – महाराष्ट्र
- के.सी. वेणुगोपाल – राजस्थान
- बिप्लब कुमार देब – त्रिपुरा
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ख़ाली हुई सभी दस सीटों पर आने वाले कुछ दिनों में ही चुनाव की नई तारीखों की घोषणा होने की संभावना है। बता दें, इन सीटों को लेकर INDIA और NDA दोनों ने गुणभाग करना शुरू कर दिया है। राज्यसभा में संख्याबल कई मायनों में महत्वपूर्ण है। विधायकों की संख्या तय करती है कि किस पार्टी के कितने सदस्य राज्यसभा जाएँगे। जिन राज्यों की राज्यसभा सीटें ख़ाली हुई हैं वहाँ सत्ता में बैठी पार्टी डिसाइडिंग फैक्टर होगी।
राज्यसभा के चुनाव में मतदान का एक अलग फॉर्मूला होता है और इसी फॉर्मूले से राज्यसभा के सांसद चुने जाते हैं। राज्यसभा चुनाव फ़ार्मूले के मुताबिक़ – जिस राज्य से जितनी राज्यसभा की सीटें खाली होंगी, उनमें एक जोड़ा जाएगा। इसके बाद जो नंबर आएगा उसे कुल विधानसभा के सीटों की संख्या से भाग दिया जाएगा। इसके बाद जो नंबर आएगा, उसमें फिर से 1 जोड़ा जाएगा। अब जो संख्या आएगी उससे पता चलेगा कि एक राज्यसभा का सांसद चुनने के लिए उस राज्य से कितने विधायकों के मतदान की जरूरत होगी।