द लोकतंत्र: दिल्ली से अमृतसर जाने वाली एअर इंडिया (Air India) की फ्लाइट में शनिवार को बड़ा हादसा टल गया। यात्रियों से भरे बोइंग 787 विमान को टेक-ऑफ से चंद सेकंड पहले ही पायलट ने अचानक रोक दिया। इस दौरान विमान रनवे पर चढ़ने ही वाला था लेकिन पायलट ने तुरंत वापस लौटने का फैसला किया।
इस घटना के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई यात्रियों ने राहत की सांस लेते हुए कहा कि “आज हमारी जान बच गई।” हालांकि, एअर इंडिया की ओर से अभी तक इस घटना की आधिकारिक पुष्टि या वजह सामने नहीं आई है।
यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
एअर इंडिया के प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए कहा कि यात्रियों की सुरक्षा कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी संभावित तकनीकी दिक्कत या सुरक्षा जोखिम के संकेत मिलने पर विमान को उड़ान से पहले रोक दिया जाता है। प्रवक्ता के अनुसार, जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि फ्लाइट को रोकने की असली वजह क्या थी।
लगातार सामने आ रही हैं तकनीकी दिक्कतें
बीते कुछ दिनों में एअर इंडिया की फ्लाइट्स में कई बार तकनीकी दिक्कतें सामने आई हैं। हाल ही में, मुंबई से जोधपुर जाने वाली फ्लाइट AI645 को भी 22 अगस्त 2025 को टेक-ऑफ से पहले रोकना पड़ा था। उस समय भी यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए पायलट ने उड़ान भरने से मना कर दिया था।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
घटना से डरे यात्रियों ने बताया कि जैसे ही पायलट ने विमान को रनवे पर रोकने का निर्णय लिया, कुछ यात्रियों को घबराहट होने लगी। वहीं, कई यात्रियों ने कहा कि एयरलाइन का यह निर्णय सही था क्योंकि सुरक्षा से बड़ा कुछ नहीं।
जांच के बाद होगा खुलासा
फिलहाल एयर इंडिया ने घटना की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। यह देखा जा रहा है कि कहीं विमान में कोई तकनीकी खराबी तो नहीं थी या फिर यह एहतियातन उठाया गया कदम था। एविएशन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि टेक-ऑफ से ठीक पहले उड़ान रोकना आमतौर पर तभी होता है जब सिस्टम अलर्ट मिले या फिर सुरक्षा मानकों में कोई खतरा दिखे।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर क्यों लगातार एअर इंडिया की फ्लाइट्स को उड़ान से पहले रोकना पड़ रहा है। हालांकि यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से पायलट का यह कदम सराहनीय माना जा रहा है।