द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : रामनगरी अयोध्या एक बार फिर इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में अपना नाम दर्ज कराने जा रही है। 25 नवंबर 2025 का दिन न सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि पहुंचकर भव्य राम मंदिर के शिखर पर 21 फीट ऊंची धर्म ध्वजा फहराएंगे। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि यह आयोजन अपने आप में ऐतिहासिक होगा, क्योंकि इसी दिन मंदिर निर्माण पूर्ण होने की औपचारिक घोषणा भी की जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ध्वजारोहण के माध्यम से पूरी दुनिया को यह संदेश देंगे कि सदियों की आस्था, संघर्ष और प्रतीक्षा का सपना अब साकार हो चुका है। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया था, जबकि 22 जनवरी 2024 को उनके हाथों रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हुए थे। अब 25 नवंबर को प्रधानमंत्री शिखर पर विजय पताका फहराकर इस अध्याय का पूर्ण विराम लगाएंगे।
राम विवाह पंचमी पर होगा भव्य ध्वजारोहण समारोह
राम विवाह पंचमी की शुभ तिथि पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम से पहले 21 से 25 नवंबर तक पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान संपन्न होंगे। इन अनुष्ठानों में अयोध्या और काशी के प्रसिद्ध विद्वान आचार्य शामिल होंगे। पूरे आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनना है।
मंदिर निर्माण कार्य लगभग पूरा, अंतिम चरण में परकोटा
नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर निर्माण का लगभग सारा कार्य पूरा हो चुका है। परकोटा निर्माण अपने अंतिम चरण में है। इसके साथ ही शेषावतार मंदिर, सप्त मंडपम और पुष्करणी (जलाशय) का निर्माण भी संपन्न हो चुका है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शू रैक भवन का निर्माण कार्य भी नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण समिति की हालिया बैठक में सभी कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई, जिसे संतोषजनक बताया गया है।
ध्वज के स्वरूप और प्रतीक चिन्ह की जिम्मेदारी चंपत राय को
राम मंदिर की धर्म ध्वजा का स्वरूप, रंग और प्रतीक चिन्ह तय करने की जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपी गई है। माना जा रहा है कि ध्वज पर धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा, जो राम मंदिर की भव्यता और भारतीय परंपरा का प्रतिनिधित्व करेगा।
राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण केवल एक मंदिर निर्माण तक सीमित नहीं है। उनका सपना है कि राम मंदिर सिर्फ ‘राष्ट्र मंदिर’ नहीं, बल्कि ‘अंतरराष्ट्रीय राम मंदिर’ बने — ऐसा मंदिर जो सभी धर्मों, विचारधाराओं और वर्गों के लोगों को एकता का संदेश दे।
25 नवंबर का दिन इसी सपने के साकार होने का प्रतीक बनेगा जब अयोध्या की पावन धरा पर लहराती 21 फीट ऊंची धर्म ध्वजा पूरी दुनिया को यह संदेश देगी कि – ‘राम काज सिद्ध भया।’

