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सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बाबा रामदेव ने मांगी माफ़ी, कहा – गलती फिर से नहीं होगी

Baba Ramdev apologized after Supreme Court's rebuke, said - mistake will not happen again

द लोकतंत्र : भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद पतंजलि ने अखबारों में एक नया विज्ञापन जारी किया है। पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने आज यानी बुधवार को अखबारों में एक नया सार्वजनिक माफीनामा जारी किया। माफ़ीनामे के अंतर्गत भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी बालकृष्ण ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि हम हमेशा कानूनों को पालन करेंगे।

बता दें कि एक दिन पूर्व ही यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए पतंजलि से पूछा था कि क्या ये उतने ही साइज का माफीनामा है, जितना बड़ा आप विज्ञापन देते हैं? क्या आप हमेशा इतने साइज का ही विज्ञापन देते हैं? दरअसल, पतंजलि पर अखबारों में विज्ञापन छपवाकर एलोपैथी पद्धति के खिलाफ नकारात्मक प्रचार करने के आरोप लगे थे, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस बीच, पतंजलि ने बुधवार (24 अप्रैल) को अखबारों में एक और माफीनामा छपवाया है। इससे पहले पतंजलि ने 22 अप्रैल को भी एक माफीनामा छपवाया था, जिसके छोटे साइज को लेकर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी।

क्या है माफ़ीनामे में?

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) बालकृष्ण ने बुधवार 24 अप्रैल को फिर से विज्ञापन जारी कर माफी मांगी। पतंजलि की ओर से न्यूज़ पेपर में बिना शर्त माफी प्रकाशित करवाई गई है। अख़बारों में प्रकाशित माफीनामे में लिखा गया है कि, सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है। इसे देखते हुए हम कंपनी और व्यक्तिगत तौर पर बिना शर्त माफी मांगते हैं। ऐसा हम सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्देश के तहत कर रहे हैं।

इसमें आगे कहा गया है, हम 22 नवंबर 2023 की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए भी बिना शर्त माफी मांगते हैं। हम अपने विज्ञापनों को प्रकाशित करने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं। ये हमारी प्रतिबद्धता है कि ऐसा गलती दोबारा नहीं होगी।

क्या हम आपके माफ़ीनामे को माइक्रोस्कोप से देखेंगे

दरअसल, पतंजलि ने मंगलवार (23 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि उन्होंने 67 अखबारों में माफीनामा छपवाया है। इस पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा था, आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, इस माफीनामे का भी साइज वही था? कृपया इन विज्ञापनों की कटिंग ले लें और हमें भेज दें। इन्हें बड़ा करने की जरूरत नहीं है। हम इसका वास्तविक साइज देखना चाहते हैं।

जस्टिस कोहली ने यह भी कहा था कि जब आप कोई विज्ञापन प्रकाशित करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे माइक्रोस्कोप से देखेंगे। सिर्फ पन्ने पर न हो, पढ़ा भी जाना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को निर्देश दिया कि अगले दो दिन में वे ऑन रिकॉर्ड माफीनामा जारी करें। मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होनी है।

Team The Loktantra

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