द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने एक बार फिर भारत को लेकर विवादास्पद बयान देकर कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। लंदन स्थित प्रतिष्ठित थिंक टैंक Chatham House में बातचीत के दौरान यूनुस ने आरोप लगाया कि भारत ‘कुछ कहता है और कुछ करता है,’ जिससे संबंधों में लगातार खटास बढ़ रही है।
यूनुस बोले – इण्डियन मीडिया फ़ेक न्यूज़ फैलाता है
यूनुस ने भारत के साथ रिश्तों की पेचीदगियों पर खुलकर टिप्पणी करते हुए कहा, मैं भारत के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहता हूं, लेकिन हर बार कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है जिससे चीजें गलत दिशा में मुड़ जाती हैं। इंडियन मीडिया लगातार फेक न्यूज़ चलाता है, जो बांग्लादेश को परेशान करता है। बहुत-बहुत गुस्सा आता है।
बांग्लादेश के कार्यवाहक नेता ने दावा किया कि वे बार-बार संवाद और शांतिपूर्ण संबंधों के लिए पहल करते हैं, लेकिन भारत की ओर से ऐसे संकेत मिलते हैं जो भ्रम पैदा करते हैं। उन्होंने कहा, हम बातचीत की कोशिश करते हैं, लेकिन कई बार ऐसा लगता है कि भारत कुछ और बोलता है और करता कुछ और है। ऐसे में निराशा और गुस्सा दोनों आते हैं।
चीन और बांग्लादेश की बढ़ी है नज़दीकियाँ
यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद अंतरिम सरकार सत्ता में आई है और तब से चीन और बांग्लादेश के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं। चीन के साथ बढ़ते रणनीतिक सहयोग को भारत पहले ही गंभीरता से देख रहा है, और यूनुस के इस बयान ने इस संवेदनशील भू-राजनीतिक समीकरण को और भी तनावपूर्ण बना दिया है।
जब यूनुस से पूछा गया कि क्या वे भविष्य में किसी निर्वाचित सरकार में शामिल होना चाहेंगे, तो उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा, बिल्कुल नहीं, बिल्कुल नहीं। मुझे लगता है कि हमारे कैबिनेट के किसी भी सदस्य को ऐसा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य बांग्लादेश को एक शांतिपूर्ण, स्थिर और लोकतांत्रिक दिशा में ले जाना है, जहां कोई बाहरी हस्तक्षेप या तनाव न हो। लेकिन भारत को लेकर उनकी तल्ख टिप्पणी यह संकेत देती है कि आने वाले दिनों में भारत-बांग्लादेश संबंधों में और उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं।
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भारत सरकार की ओर से अभी तक यूनुस के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बयान दोनों देशों के बीच चल रही संवेदनशील कूटनीतिक प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकता है।
यूनुस के इन बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि अंतरिम सरकार के कार्यकाल में भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में विश्वास की कमी बनी हुई है, और मीडिया को लेकर की गई टिप्पणियों ने इस आग में घी का काम किया है। अब देखना यह है कि भारत इस बयान पर क्या रुख अपनाता है, और क्या दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य हो पाएंगे।