द लोकतंत्र : दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच बढ़ती दूरी ने विपक्षी गठबंधन INDIA की एकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ने के साथ-साथ एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रही हैं। इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने तंज कसते हुए कहा, “अगर यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव तक सीमित था, तो इसे अब भंग कर देना चाहिए। विपक्षी एकता महज दिखावा बनकर रह गई है।”
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि INDIA गठबंधन के एजेंडा और नेतृत्व को लेकर कोई स्पष्ट दिशा नहीं है। उन्होंने कहा, “गठबंधन की बैठकें तक नहीं हो रही हैं। अगर यह सिर्फ राजनीतिक सहूलियत के लिए बना था, तो अब इसे खत्म कर देना चाहिए।”
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने आम आदमी पार्टी का समर्थन करने की घोषणा की है। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने AAP के साथ खड़े रहने का वादा किया है, जबकि सपा ने कहा है कि कांग्रेस दिल्ली में मजबूत नहीं है, इसलिए वे AAP का समर्थन करेंगे। साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी.
वहीं, कांग्रेस और AAP के बीच जारी जुबानी जंग ने गठबंधन की प्रासंगिकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए इसे “भरोसेमंद साझेदार” न होने का आरोप लगाया।
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तेजस्वी यादव ने भी गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “क्या कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अब अलग-अलग रास्ते पर चल रहे हैं? क्या INDIA गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था?”
दिल्ली चुनाव से पहले विपक्षी दलों के बीच यह खींचतान INDIA गठबंधन के भविष्य पर गहरे सवाल खड़े करती है। क्या यह गठबंधन वाकई मजबूत विपक्ष बन पाएगा, या यह महज चुनावी मजबूरी तक सीमित रहेगा?