द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : दिवाली के त्योहार (दिवाली 2025) पर अपने घर लौटने की सोच रहे यात्रियों के लिए इस साल सफ़र महंगा और चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। नोएडा से उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी तक निजी एसी बसों का किराया सामान्य दिनों की तुलना में लगभग 10 गुना बढ़ गया है।
आम दिनों में लखनऊ के लिए निजी बसों का किराया 600 से 700 रुपये होता था, लेकिन अब यह किराया 5 हजार रुपये तक पहुँच गया है। कानपुर के लिए जो किराया पहले 700 से 900 रुपये तक था, वह अब 3,500 रुपये से ऊपर हो चुका है।
त्योहारों के दौरान सफ़र आसान नहीं
यात्रियों का कहना है कि त्योहारों के दौरान सफ़र आसान नहीं है। ट्रेनों में जगह बिल्कुल नहीं है और रिज़र्वेशन मिलना लगभग नामुमकिन हो गया है। वहीं, प्राइवेट एसी बसों में भी अचानक किराया बढ़ने से लोगों की जेबें खाली हो रही हैं। खासकर दिवाली के समय, जब परिवार के लोग एक-दूसरे के घर मिलने के लिए सफ़र करते हैं, तो ये बढ़े हुए किराए यात्रा को कठिन बना रहे हैं।
नोएडा से गोरखपुर या वाराणसी तक सफ़र करने वाले यात्रियों को 6,000 रुपये तक का किराया चुकाना पड़ रहा है। वहीं, प्रयागराज और इलाहाबाद के लिए बसें लगभग 4,500 से 5,000 रुपये में मिल रही हैं। इसके अलावा, कई बस ऑपरेटरों ने अपनी सीटें पहले ही भर ली हैं और ऑनलाइन टिकट प्लेटफॉर्म पर भी अधिकतर सीटें फुल दिखाई दे रही हैं।
बढ़ा हुआ किराया यात्रियों की जेब पर भारी
त्योहारों के दौरान बढ़ा हुआ किराया यात्रियों की जेब पर भारी पड़ता है और ये प्रवासी सफ़र को तनावपूर्ण बना देता है। इस बार का किराया सामान्य दिनों के मुकाबले लगभग दस गुना महँगा हो गया है, जिससे लोगों को यात्रा की योजना पहले से और अधिक सोच-समझकर बनानी पड़ेगी।
यात्री प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि वे त्योहारों के समय बसों और ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर जनता को राहत दें। वहीं, प्राइवेट बस संचालकों का कहना है कि इस समय ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों और त्योहारों में बढ़ी मांग के कारण किराया बढ़ाना अनिवार्य है।
इस दिवाली, घर लौटने की खुशी यात्रियों के लिए महंगी पड़ सकती है, लेकिन परिवार के संग त्योहार मनाने की चाह में लोग मजबूरी में यह अतिरिक्त खर्च उठाने को तैयार हैं।

