द लोकतंत्र : सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक मानते हुए इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसके अलावा स्टेट बैंक को तीन हफ्ते के भीतर की इसकी पूरी जानकारी सार्वजनिक करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद सियासी दलों की प्रतिक्रियाएँ सामने आने लगी हैं। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ये योजना ‘रिश्वत और कमीशन’ का माध्यम थी।
चुनावी बॉन्ड स्कीम को लेकर राहुल गांधी ने क्या कहा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म एक्स पर पोस्ट लिखकर कहा, नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को अपना फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इस पर रोक लगा दी है। चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनाम चुनावी बॉन्ड संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार में राजनीतिक गोपनीयता, संबद्धता का अधिकार भी शामिल है।
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बता दें, पाँच साल पुरानी इस योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के भी निर्देश दिए गए। इसमें कहा गया कि जानकारी में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी। साथ ही पूरा विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। पीठ ने आगे कहा कि, निर्वाचन आयोग को एसबीआई की ओर से साझा की गई जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी चाहिए।
पवन खेड़ा ने कहा – भ्रष्टाचार में सीधे-सीधे प्रधानमंत्री शामिल
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सीधे-सीधे प्रधानमंत्री शामिल हैं। देश पर इलेक्टोरल बॉन्ड को थोपा गया। जबकि चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और लॉ मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने विरोध किया था। आज प्रधानमंत्री और उनका भ्रष्टाचार बेनकाब हो गया है। प्रधानमंत्री ने मनी बिल लाकर इसे कानूनी जामा पहनाया था, ताकि विधायक खरीदे जा सकें, अपने मित्रों को कोयले की खदान, हवाई अड्डे दिए जा सकें।