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चार साल में पहली बार एफडीआई रिकॉर्ड स्तर पर, भारतीय इकोनॉमी को मिला बड़ा बूस्ट

FDI reaches record levels for the first time in four years, giving a major boost to the Indian economy.

द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह खबर राहत और उम्मीद दोनों लेकर आई है। चार वर्षों में पहली बार देश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2025 में एफडीआई का औसत बढ़कर 11.11 बिलियन डॉलर हो गया, जो बीते चार वर्षों का सबसे ऊंचा स्तर है।

यह आंकड़ा जुलाई 2021 के बाद का सबसे बड़ा स्तर है, जब औसत एफडीआई 12.32 बिलियन डॉलर पर था। इससे पहले जून 2025 में एफडीआई 9.57 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया था, जबकि जुलाई 2024 में यह महज 5.54 बिलियन डॉलर था। यानी इस साल जुलाई का एफडीआई पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुना रहा।

निवेशकों का भरोसा और मुख्य स्रोत

भारत में सबसे ज्यादा एफडीआई सिंगापुर से आता है। इसके बाद नीदरलैंड्स, मॉरिशस, अमेरिका और यूएई जैसे देश शीर्ष निवेशक हैं। इन देशों से भारत को कुल एफडीआई का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा प्राप्त होता है। निवेश का बड़ा हिस्सा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर में आ रहा है, जिनमें खास तौर पर कम्युनिकेशंस, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी और बिजनेस सर्विसेज शामिल हैं।

दरअसल, एफडीआई किसी भी देश की आर्थिक मजबूती और वैश्विक निवेशकों के भरोसे का बड़ा संकेतक होता है। यह केवल पूंजी प्रवाह ही नहीं लाता, बल्कि रोजगार के अवसर, तकनीकी विकास और औद्योगिक विस्तार का भी रास्ता खोलता है। भारत के लिए हाल का एफडीआई उछाल वैश्विक निवेशकों की सकारात्मक धारणा का परिणाम माना जा रहा है।

S&P की रेटिंग अपग्रेड से बढ़ा भरोसा

कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने भारत की रेटिंग बीबीबी- से बढ़ाकर बीबीबी कर दी थी। यह अपग्रेड निवेशकों को भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद और स्थिरता का संकेत देता है। इसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर आर्थिक सुधारों की नई घोषणाएं की थीं। इनमें जीएसटी की दरों में कटौती जैसे कदम शामिल रहे, जो इस सप्ताह की शुरुआत से लागू हो चुके हैं।

2025-26 में बढ़ते निवेश का रुझान

वैश्विक स्तर पर नीति और व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत में एफडीआई का रुझान लगातार ऊपर जा रहा है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों में नेट एफडीआई 10.75 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। वहीं औसत एफडीआई 33 प्रतिशत बढ़कर 37.71 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया है।

सिर्फ यही नहीं, भारतीय कंपनियों का विदेशी बाजारों में प्रत्यक्ष निवेश भी 44 प्रतिशत बढ़कर 10.67 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा बताता है कि भारत न केवल निवेश आकर्षित कर रहा है, बल्कि अपने उद्योगों के जरिए वैश्विक बाजारों में भी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है।

Team The Loktantra

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