द लोकतंत्र/ नई दिल्ली : देश इस समय गहरे शोक और चिंता के दौर से गुजर रहा है। बीते चार दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में चार बड़े हादसों ने न केवल कई जिंदगियां छीन लीं, बल्कि लाखों लोगों के दिलों को भी दहला दिया है। 12 जून से 15 जून तक भारत ने एयर इंडिया विमान दुर्घटना, उत्तराखंड हेलीकॉप्टर क्रैश, मथुरा में मकान ढहने और पुणे में पुल गिरने जैसी गंभीर त्रासदियों का सामना किया है।
चार दिन, चार हादसे
सबसे पहला और सबसे बड़ा हादसा 12 जून को अहमदाबाद में हुआ, जब एयर इंडिया का एक विमान उड़ान भरते ही क्रैश हो गया। इस हादसे में अब तक 270 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं। प्लेन के रिहायशी इलाके में गिरने से आसपास के लोग भी चपेट में आ गए। यह हादसा भारत के एविएशन इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में गिना जा रहा है।
इसके बाद 15 जून, रविवार को उत्तराखंड के केदारनाथ के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा था। हादसे में 7 लोगों की मौत हुई, जिनमें एक 2 साल का मासूम बच्चा भी शामिल था। इस दुर्घटना ने तीर्थ यात्रियों और स्थानीय प्रशासन को झकझोर कर रख दिया।
इसी दिन उत्तर प्रदेश के मथुरा में भी एक बड़ा हादसा हुआ। गोविंद नगर के शाहगंज दरवाजा क्षेत्र में टीला खिसकने से 5 मकान धराशायी हो गए। इन मकानों में रह रहे लोग और पास की निर्माणाधीन दीवार पर काम कर रहे मज़दूर मलबे में दब गए। बचाव कार्य जारी है और दर्जनों लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढहा
इन सभी हादसों के बीच, महाराष्ट्र के पुणे जिले से एक और हृदयविदारक दुर्घटना सामने आई। रविवार (15 जून) को मावल तहसील के कुंडमाला गांव के पास इंद्रायणी नदी पर बना एक पुल अचानक ढह गया। हादसे के समय दर्जनों लोग उस पुल पर मौजूद थे। अब तक 3 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 38 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि 25 से 30 लोग नदी में बह गए। घटना स्थल पर पत्थरों के कारण कई लोग बुरी तरह घायल हुए हैं।
इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इन दिनों साइप्रस दौरे पर हैं, ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात की और पीड़ितों को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करते हुए बताया कि NDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य में जुट गई हैं।
विपक्ष ने कहा – जवाबदेही तय होनी चाहिए
इस हादसे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र और राज्य सरकारों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसे रोका जा सकता था, यह एक प्रशासनिक लापरवाही है। इस तरह की त्रासदियों में जवाबदेही तय होनी चाहिए। उन्होंने बचाव कार्य में लगे कर्मियों के प्रति आभार भी जताया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
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इन सभी घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है। लगातार चार दिनों में हुईं इन चार भीषण दुर्घटनाओं ने न केवल सैकड़ों परिवारों को उजाड़ा है, बल्कि देश की सुरक्षा, संरचना और आपदा प्रबंधन प्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि देश को आपातकालीन प्रबंधन और पूर्व चेतावनी व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। यह समय है जब राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सरकार और विपक्ष को मिलकर नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।